जीवन एक किताब
अधूरी सी ..........
आने वाला हर दिन
एक कोरा पन्ना
हर दिन लिखती हूँ
भावों की इबारतें
कभी भरती हूँ
आशाओं की सरिता
प्रवाहों के बीच पड़े
बड़े-बड़े पत्थर
उनपर जमी
वक़्त की काई
साथ चलते दो किनारे
पेड़ों की घनी कतारें
डालियों पर गूंजता
पंछियों का कलरव
सतरंगी किरणों को
पंखों में समेटे
फूल - फूल पर
मंडराती तितलियाँ
भंवरों का गुंजन
प्यारा सा गाँव
गुलमोहर की छाँव
रहट-रहट सी सांस
तिनका-तिनका आस
बैलों की रुनझुन
छप्पर-खलिहान
फूली सरसों
गमकते टेसू
बहती पुरवाई
उड़ती चूल्हे की राख
रंभाती गाय
मस्ती से उछलते बछड़े
बहती नदिया की
कल-कल धार
करती जीवन साकार
तो किसी पन्ने पर
पल्लू के कोने में बंधी
माँ की हिदायतें
कमरे से झाड़ी धूल
रसोई में पकते
खाने की खुशबू
चौकी-बेलन संग
खनकती चूड़ियों का
मिला-जुला राग
और भी न जाने
कितना कुछ है
अस्त-व्यस्त सा
समय कहाँ मेरे पास
सजाऊं-संवारूं इसे
मैं तो एक सैलानी हूँ
अतीत-वर्तमान को
रोज समेटती हूँ
इन पन्नो पर
समीक्षा के लिए
दे जाऊंगी समय को
उस दिन जब यह मेरी
जिल्द से लिपटी किताब होगी
तब यह सिर्फ मेरे नहीं
हर पढने वाले के हाथ होगी ........
बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंजीवन की किताब का पन्ना पन्ना सहेज लेंगें पढ़ने वाले...
सस्नेह
अनु
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसहेजने लायक होगी यह किताब .... पन्ना पन्ना अनुभवों से भरा हुआ .... बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत खूबशूरत सुंदर प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंजीवन एक किताब है,निशदिन कोरा पन्ना
अनुभव मिलता प्रतिदिन,भरता जाए पन्ना,,,
recent post: बात न करो,
जीवन सकरात्मक उर्जा से भरी किताब हो तो सहेजना सबको ही अच्छा लगेगा ...बहुत बढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमैं तो एक सैलानी हूँ
जवाब देंहटाएंअतीत-वर्तमान को
"रोज समेटती हूँ
इन पन्नो पर
समीक्षा के लिए
दे जाऊंगी समय को
उस दिन जब यह मेरी
जिल्द से लिपटी किताब होगी
तब यह सिर्फ मेरे नहीं
हर पढने वाले के हाथ होगी ........"
बहुत खूब उकेर दिया है आपने अपने समक्ष घटित घटना/दर्शित दृश्य की तस्वीर, शब्दों से अलंकृत ………
बेहतरीन. दिल को छुती हुई सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंसादर.
बढ़िया रचना है .
जवाब देंहटाएंउस दिन जब यह मेरी
जवाब देंहटाएंजिल्द से लिपटी किताब होगी
तब यह सिर्फ मेरे नहीं
हर पढने वाले के हाथ होगी .....
जीवन को समेटती रचना
बहुत सुन्दर प्रस्तुति । आपकी रचना मन को तरंगायित कर गई । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंसुंदर सटीक अभिव्यकित ..
जवाब देंहटाएंपूरे जीवन हमारे अनुभव के एक एक पन्ने जुटते जाते हैं ..
बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर कविता |जीवन वाकई एक किताब है |
जवाब देंहटाएंजीवन की किताब कभी पूरी नहीं होती। अधूरी रह जाती है, पर इसी अपूर्णता में लोग पूर्णता ढूंढ़ लेते हैं।
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता.
जवाब देंहटाएंकितनी सुन्दर किताब है ...
जवाब देंहटाएंजाने कहाँ कहाँ की सैर कर आये .
बहुत बढ़िया !
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण शब्द चित्र...
जवाब देंहटाएंपेड़ों की घनी कतारें
डालियों पर गूंजता
पंछियों का कलरव
सतरंगी किरणों को
पंखों में समेटे
फूल - फूल पर
मंडराती तितलियाँ
भंवरों का गुंजन
प्यारा सा गाँव
गुलमोहर की छाँव
रहट-रहट सी सांस
तिनका-तिनका आस
बैलों की रुनझुन
छप्पर-खलिहान
फूली सरसों
गमकते टेसू
बहती पुरवाई
उड़ती चूल्हे की राख
रंभाती गाय
मस्ती से उछलते बछड़े
बहती नदिया की
कल-कल धार
करती जीवन साकार
वाऽह ! क्या बात है !
सुंदर भाव ! सुंदर शब्द !
बहुत खूबसूरत !
संध्या जी
आपकी इस कविता में जीवन के विविध रंगों का अच्छा चित्रण हुआ है !
खूबसूरत रचना !
बेहतर प्रस्तुति !
शुभकामनाओं सहित…
ये हर किसी के जीवन की किताब है ...
जवाब देंहटाएंजीवन के मधुर क्षणों को समेटी हुई ... नाज़ुक धारा ...
जो किसी भी समीक्षा से परे होगी..
जवाब देंहटाएंसच मे जीवन एक किताब है जिसके हर पन्ने पर लम्हों की कभी न भूलने वाली कहानी लिखी हुई है।
जवाब देंहटाएंसादर
अति सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएं:-)
सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंआपकी इस पोस्ट को आज के ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है...
जवाब देंहटाएंआज का बुलेटिन, महंगी होती शादियाँ, कच्चे होते रिश्ते