एक आंधी का इंतज़ार है
एक तूफ़ान की ख्वाहिश है
झुकी आँखें राह तकती हैं
धुंध है, ओस बिखरी सी है
आँखों में कुछ नमीं सी है
बीते पल की भीनी खुशबू
पलकों पर बूँद बनकर
आज थमी - थमी सी है
वक़्त ने सिफारिश की है
ख़ुशी हासिल करने की
एक आजमाइश सी है
दो बूँद भी तो काफी हैं
एक जिंदगी के लिए
एक तुम बरसा दो
एक मैं छलका दूँ ....
वक़्त ने सिफारिश की है
जवाब देंहटाएंख़ुशी हासिल करने की
एक आजमाइश सी है
दो बूँद भी तो काफी हैं
एक जिंदगी के लिए
एक तुम बरसा दो
एक मैं छलका देती हूँ....
आपने याद दिला दी *दो कदम तुम भी चलो दो कदम हम भी चलें *
शुभ प्रभात बहुत प्यारी ख्वाहिश ....
दो बूँद भी तो काफी हैं
जवाब देंहटाएंएक जिंदगी के लिए
एक तुम बरसा दो
एक मैं छलका देती हूँ....वाह बहुत उम्दा सृजन,,,, बधाई।
recent post हमको रखवालो ने लूटा
आहा निःशब्द करती रचना, प्रेम की धारा जैसे ह्रदय में निरंतर बह रही है
जवाब देंहटाएंदो बूँद भी तो काफी हैं
जवाब देंहटाएंएक जिंदगी के लिए
एक तुम बरसा दो
एक मैं छलका देती हूँ...
बहुत खूब ... अनुपम भाव
अहा! क्या खूब लिखा है संध्या जी आपने..
जवाब देंहटाएंदो बूँद भी तो काफी हैं
जवाब देंहटाएंएक जिंदगी के लिए
एक तुम बरसा दो
एक मैं छलका देती हूँ....वाह सटीक अभिव्यक्ति।
एक तुम बरसा दो , एक मैं छलका दूँ .... बहुत सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंकोमल भाव लिए अति सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंदो बूँद भी तो काफी हैं
एक जिंदगी के लिए
एक तुम बरसा दो
एक मैं छलका दूँ ....
हृदयस्पर्श पंक्तियाँ...
:-)
बहुत सुन्दर रचना. दिल में उतर गई.
जवाब देंहटाएंभावों से नाजुक शब्द को बहुत ही सहजता से रचना में रच दिया आपने.........
जवाब देंहटाएंदो बूँद भी तो काफी हैं
जवाब देंहटाएंएक जिंदगी के लिए
एक तुम बरसा दो
एक मैं छलका दूँ ....
badhiya....
"एक तुम बरसा दो
जवाब देंहटाएंएक मैं छलका दूँ" ...
क्या भाव हैं ……दोनो की ही जरूरत है …बरसाने की व छलकाने की…बहुत खूब!
बधाई ……
दो बूंदों को जीवन बनाती ... भावपूर्ण रचना ...
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