मुझे यह बताते हुए बहुत ही ख़ुशी हो रही है. आज बलाग जगत में मेरे समर्थको(Followers) की संख्या 2०० हो गई है
मैं आभार प्रकट करना चाहता हूँ , मैं और मेरी कविताये वाली लेखिका संध्या शर्मा जी की , जिन्होंने आदत...... मुस्कुराने की का दोसौवांफोलोवर बनकर इस नाचीज़ को भी ब्लॉग जगत के विशिष्ठ ब्लोगर्स की श्रेणी में ला खड़ा कर दिया ।
इसी पर चंद लाइन पेश करता हूँ उम्मीद है आपको पसंद आएगी
आनंदित है रोम रोम, पाकर प्यार आपका
थैंक्स, शुक्रिया, मेहरबानी, छोटे पड़ गए
कैसे करूँ प्रकट आभार आपका
नहीं उतरेगा कर्ज इस जन्म, मुझसे
संजय रहेगा सदा कर्जदार आपका।
थैंक्स, शुक्रिया, मेहरबानी, छोटे पड़ गए
कैसे करूँ प्रकट आभार आपका
नहीं उतरेगा कर्ज इस जन्म, मुझसे
संजय रहेगा सदा कर्जदार आपका।
इसी पर एक छोटी सी कविता पेश करता हूँ आपके सामने
शुक्रिया ऐ ब्लॉगस्पॉट
तेरा बहुत शुक्रिया
मेरे जीवन में एक तरंग लाए हो तुम
लगता खुशियां अपने संग लाए हो तुम
मुझे साथ खड़े हैं दो सौ दिमाग
चार सौ आंखे, चार सौ हाथ
जारी है गिनती, मेरी बढ़ती खुशियों की
बढ़ाने को मेरा हौसला हर कदम पर
शुक्रिया ऐ ब्लॉगस्पॉट!
बनी रहेगी आदत........मुस्कुराने की मेरी
तेरे संग ऐ ब्लॉगस्पॉट
शुक्रिया,.बहुत शुक्रिया..
.......आमीन.......
साथ ही आप सभी पेश है मेरी दो सौंवी फ़ॉलोअर संध्या शर्मा जी की एक सुंदर कविता
" KAVITA "
" कविता केवल कविता नहीं होती है,
हर कवि के मन का दर्पण होती है..
जब वो रोता है तो रोती भी है,
और हँसता है तो हंसती भी है,
कभी ये रोटी को तरसती भी है,
कभी बरखा बन के बरसती भी है,
कभी फूल बन के महकती भी है,
कभी शूल बन के चुभती भी है,
ये युवा मन की शक्ति भी है,
और कभी ईश्वर की भक्ति भी है,
कभी इसमें कोमल सी प्रीति भी है,
और कभी जग से विरक्ति भी है,
कभी इसमें उजाला, अँधेरा भी है,
कभी इसको जुल्मों ने घेरा भी है,
कभी इसमें अहसास मेरा भी है,
कभी इसमें तेरा बसेरा है,"
हर कवि के मन का दर्पण होती है..
जब वो रोता है तो रोती भी है,
और हँसता है तो हंसती भी है,
कभी ये रोटी को तरसती भी है,
कभी बरखा बन के बरसती भी है,
कभी फूल बन के महकती भी है,
कभी शूल बन के चुभती भी है,
ये युवा मन की शक्ति भी है,
और कभी ईश्वर की भक्ति भी है,
कभी इसमें कोमल सी प्रीति भी है,
और कभी जग से विरक्ति भी है,
कभी इसमें उजाला, अँधेरा भी है,
कभी इसको जुल्मों ने घेरा भी है,
कभी इसमें अहसास मेरा भी है,
कभी इसमें तेरा बसेरा है,"
.........................संजय कुमार भास्कर
धन्यवाद......... संजयजी
मैं भी आभार प्रकट करना चाहती हूँ , संजय भास्करजी का जिन्होंने आदत...... मुस्कुराने की का दोसौवांफोलोवर बनाकर मुझको को भी ब्लॉग जगत के उन ब्लोगर्स की श्रेणी में ला खड़ा कर दिया है, जिसकी "KAVITA" को आप सभी ने इतना सराहा, मुझे आप सभी से मिलाया संजयजी ने.......
नए साल की बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रयास है ...आपका, ..... आपकी कविता जिन्दगी कि वास्तविकता से रुबरु करवाती है ....आपको बहुत - बहुत शुभकामनायें ...संजय जी द्वारा पोस्ट कि गयी कविता में उनके ब्लॉग पर पढ़ चूका हूँ ...अति सुंदर भाव अर्थपूर्ण ...शुक्रिया
जवाब देंहटाएंआपको आने वाले नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ....स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंकेवलराम जी व बबन पांडेजी, आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है मैं उसके लिए आप दोनों की आभारी हूँ .........
जवाब देंहटाएं& "HAPPY NEW YEAR" to you..........
जवाब देंहटाएंसंध्या जी को मेरी और से ढेर-ढेर सारी शुभकामनायें .....
जवाब देंहटाएंईश्वर आपको इससे भी ज्यादा कामयाबी दे..
ये मेरी हार्दिक - हार्दिक कामना है आपके लिए...
नए साल की आपको सपरिवार ढेरो बधाईयाँ !!!!
जवाब देंहटाएंखुशियों भरा हो साल नया आपके लिए
जवाब देंहटाएंसंजय जी को मेरी ओर से भी ढेर-ढेर सारी शुभकामनायें .....
जवाब देंहटाएंईश्वर आपको बहुत - बहुत -बहुत कामयाबी दे..
ये मेरी भी हार्दिक - हार्दिक कामना है आपके लिए.