"आई बसंत बहार"
पहन सुहानी धानी चूनर,
धरती ने किया श्रंगार,
सरसों पर छाई है मस्ती,
आई बसंत बहार...........
तितली फिरती फूल-फूल पर,
कलियों ने भी घूंघट खोला,
कोयल मीठे गीत सुनाती,
भौरों का मन भी है डोला,
कल-कल, कल-कल नदियाँ बहती,
झर-झर, झर-झर झरते झरने,
क्यारी-क्यारी लगी मुस्काने,
गेहूं जौ लगे लहराने,
चिड़िया चहकी, बुलबुल गाए,
भोर सुहानी सबको भाए,
ठंडी-ठंडी चली पुरवाई,
मौसम पर जवानी छाई,
वन उपवन को मिला नवजीवन,
पुलकित है मेरा भी मन........
रंग-बिरंगे फूल खिले हैं,
मिलकर सब गाते मल्हार,
आई बसंत बहार...
आई बसंत बहार.........
जाड़े में बसंत
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
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Pavanji hum to abhi se basant ko mahsoos kane lage hain, bahut khoobsoorat mausam hai hamare nagpur me...
जवाब देंहटाएंThanks...
सुंदर शब्दों में सजा कर वसन्त ऋतू का वर्णन किया गया है!
जवाब देंहटाएंकविता के भाव और शब्दचयन दूसरे ही जगत में ले जाते हैं,और कुछ समय के लिए भूल जाते हैं अपने आसपास की दुनिया..बहुत सुन्दर..आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता ने बसंत खिला दिया ....बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंvaah kitne sunder shabdon me tareef karte hain aapkab bhi jawaab nahi sanjayji...
जवाब देंहटाएंThanks, dhanywad, shukriya...........
संध्या जी ॥
जवाब देंहटाएंवसंत को आपने शब्दों के वृक्ष से महका दिया /
वसंत की आपको ढेरो शुब्कामना
बसंत और प्रकृति का सुंदर चित्रण....
जवाब देंहटाएंआप सभी को इन खूबसूरत कमेंट्स के लिए बहुत -बहुत धन्यवाद्...
जवाब देंहटाएंऔर वीना जी का स्वागत है, मेरे ब्लॉग पर..
मेरी और से सभी को क्रिसमस की ढेर सारी शुभकामनायें.....
vasant aane me der hai, par sabdo me dilhta
जवाब देंहटाएंvasant pyara laga..:)
ab follow kar raha hoon barabar aaungaaaa
Thanks for the compliments...
जवाब देंहटाएंMost Welcome u on my blog......
सुंदर शब्दों में सजा वसन्त का वर्णन|शुभकामनायें|
जवाब देंहटाएं@Patali-The-Village..
जवाब देंहटाएंThanks for ur beautiful comment..