"खूबसूरती "
खूबसूरती अब पर्दों में नहीं
बस पर्दों पर ही दिखती है
ताक़त अब रगों में नहीं
केवल कागज पर दिखती है
मेकअप से चमकती सुन्दरता
पसीने में बह जाती है
मय का जोश घटते ही
जुबान खामोश हो जाती है
वहम के नशे में जहाँ ये सारा है
मगर ये इंसां तो दिखावे का मारा है
औरत प्यार, इज्जत को तरसती है
तो आदमी की नज़र ...............................
बनावट की दुनिया से नहीं हटती है ........
खूबसूरती अब पर्दों में नहीं
बस पर्दों पर ही दिखती है
ताक़त अब रगों में नहीं
केवल कागज पर दिखती है
मेकअप से चमकती सुन्दरता
पसीने में बह जाती है
मय का जोश घटते ही
जुबान खामोश हो जाती है
वहम के नशे में जहाँ ये सारा है
मगर ये इंसां तो दिखावे का मारा है
औरत प्यार, इज्जत को तरसती है
तो आदमी की नज़र ...............................
बनावट की दुनिया से नहीं हटती है ........
इस कहते है कविता
जवाब देंहटाएंकिस खूबसूरती से सच का बखान किया किया
वाह //
नया साल मंगलमय हो संध्या जी
संध्या जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार......दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
बहुत रोचक और सुन्दर अंदाज में लिखी गई रचना .....आभार
जवाब देंहटाएंभई बहुत खूब....
जवाब देंहटाएंबबनजी, संजय जी, वीनाजी, इतनी अच्छी और खूबसूरत प्रशंसा के लिए आप सब का तहे दिल से शुक्रिया..........
जवाब देंहटाएंमेरी ओर से भी नव वर्ष की हार्दिक - हार्दिक शुभ - कामनाएं आप सभी को.... .
bahut sundar abhivyakti.
जवाब देंहटाएंbahut bahut dhanyawad Rajeshji Blog par aapka swagat hai.
जवाब देंहटाएंpata nahi kaunsa font hai dikh hi nahi raha????????
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना संध्या जी...
जवाब देंहटाएंबधाई.
सच्चाई को कहती अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंमगर ये इंसान तो दिखावे का मारा है...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना..
बधाई.
बधाई ! अंदाज निराला हो जाए
जवाब देंहटाएंमन मतवाला गर हो जाए
भूले न अमन उद्देश्य मुखर
चमन भी निराला हो जाए |