सीने में गर है तुम्हारे दिल
तो दर्द से तड़पकर दिखाओ
गर तुम्हे कोई इंसा कहे तो
मन में दर्द-ए-अहसास जगाओ
किसी ठोकर से गर टूटे दिल
नगमा मोहब्बत का सुनाओ
नफ़रत-ए-खंजर लिए लोगों को
अपनी ठोकरों से धूल चटाओ
गर अमन से बना सको तुम
इस जहान को जन्नत बनाओ
है दम अगर डूबने से पहले
मझधार से कश्ती ले आओ
गर अमन से बना सको तुम इस जहान को जन्नत बनाओ
जवाब देंहटाएंहै दम अगर डूबने से पहले मझधार से कश्ती ले आओ
बहुत सुन्दर आह्वान है संध्या जी ! बहुत खूब !
हमने जमाने का अजब दस्तुर देखा
जवाब देंहटाएंकहते हैं अब वजूद भी दिखना चाहिए
रहता है वो आसमां में दिखता नहीं
उसे अब सामने आकर दिखना चाहिए
नफ़रत-ए-खंजर लिए लोगों को
जवाब देंहटाएंअपनी ठोकरों से धूल चटाओ
गर अमन से बना सको तुम
इस जहान को जन्नत बनाओ
बहुत सही कहा ...
सीने में गर है तुम्हारे दिलतो दर्द से तड़पकर दिखाओ
जवाब देंहटाएं... सन्देश के साथ सकारात्मक प्रस्तुति ! इसे पढ़ कर दिल खुश हो गया ! आभार एवं शुभकामनाएं !
सुन्दर संदेश देती रचना।
जवाब देंहटाएंगर अमन से बना सको तुम
जवाब देंहटाएंइस जहान को जन्नत बनाओ
सार्थक संदेश!
सादर
सार्थक सन्देश देती अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकिसी ठोकर से गर टूटे दिल
जवाब देंहटाएंनगमा मोहब्बत का सुनाओ ..
ये बात सच्व्ह है पर होना बहुत ही मुश्किल ...
ऐसा हो जाए तो जीवन संवर जाता है ...
है दम अगर डूबने से पहले
जवाब देंहटाएंमझधार से कश्ती ले आओ...sundar panktiyan..
अत्यंत भावुक रचना.
जवाब देंहटाएंगूगल की नयी Privacy Policy पर मेरा लेख जरूर पढ़े.
अत्यंत भावुक रचना
जवाब देंहटाएंगूगल की पर मेरा लेख अवश्य पढ़ें
अत्यंत भावुक रचना
जवाब देंहटाएंगूगल की Privacy Policy पर मेरा लेख अवश्य पढ़ें.
बहुत खूब ....खुबसूरत शेर |
जवाब देंहटाएंगर अमन से बना सको तुम
जवाब देंहटाएंइस जहान को जन्नत बनाओ
बहुत खूब कहा है ।
बढ़िया...
जवाब देंहटाएंदमदार प्रस्तुति...
सस्नेह.
किसी ठोकर से गर टूटे दिल
जवाब देंहटाएंनगमा मोहब्बत का सुनाओ
वाह...कितनी अच्छी बात की है आपने...बधाई
नीरज
संध्या जी !बहुत सुन्दर भावो के साथ सार्थक रचना ..
जवाब देंहटाएं//गर तुम्हे कोई इंसा कहे तो
जवाब देंहटाएंमन में दर्द-ए-अहसास जगाओ
नफ़रत-ए-खंजर लिए लोगों को
अपनी ठोकरों से धूल चटाओ //
kya baat hai sandhya ji.. bahut khoob..
प्रेरक और खुबसूरत रचना.....
जवाब देंहटाएंगर अमन से बना सको तुम
जवाब देंहटाएंइस जहान को जन्नत बनाओ
सार्थक सन्देश !
ab dekhen kon khud ko kitna sabit karta hai. sunder ojpoorn rachna.
जवाब देंहटाएंगर अमन से बना सको तुम
जवाब देंहटाएंइस जहान को जन्नत बनाओ
Bahut Sunder Sandesh...
सार्थक रचना।
जवाब देंहटाएंगहन संदेश।
कम शब्दों में बेहतर सन्देश
जवाब देंहटाएंkalamdaan.blogspot.com
आपके उत्कृष्ठ लेखन का आभार ।
जवाब देंहटाएंमोहित कर दिया आपने..बहुत सुन्दर लिखा है ..
जवाब देंहटाएंहै दम अगर डूबने से पहले
जवाब देंहटाएंमझधार से कश्ती ले आओ.bahut khoob sandhya jee.
है दम अगर डूबने से पहले
जवाब देंहटाएंमझधार से कश्ती ले आओ
बहुत खूब .
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंनफ़रत-ए-खंजर लिए लोगों को
जवाब देंहटाएंअपनी ठोकरों से धूल चटाओ
गर अमन से बना सको तुम
इस जहान को जन्नत बनाओ
...बहुत सुन्दर सन्देश के साथ सकारात्मक प्रस्तुति
आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
http://charchamanch.blogspot.in/2012/02/777.html
चर्चा मंच-777-:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
sandhya ji
जवाब देंहटाएंek inklaab si jagati post
bahut hi badhiyan
poonam
wah..bahut khoob
जवाब देंहटाएंहै दम अगर डूबने से पहले
जवाब देंहटाएंमझधार से कश्ती ले आओ
क्या बात है बहुत खूब.
सीने में अगर दिल है-----दर्दे अहसास जगाओ
जवाब देंहटाएंसुन्दर सन्देश देती रचना |
आशा
गर तुम्हे कोई इंसा कहे तो
जवाब देंहटाएंमन में दर्द-ए-अहसास जगाओ
.....बहुत सुंदर और सकारात्मक रचना...
आवाहन करती सुंदर प्रस्तुती, आपकी रचना अच्छी लगी,
जवाब देंहटाएंMY NEW POST ...40,वीं वैवाहिक वर्षगाँठ-पर...
आवाहन करती सुंदर प्रस्तुती, आपकी रचना अच्छी लगी,
जवाब देंहटाएंMY NEW POST ...40,वीं वैवाहिक वर्षगाँठ-पर...
अपने वजूद को पहचानने में ही उम्र निकल जाती है. सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति. बहुत सुंदर.
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