आई थी तू
मेरे आँचल में
अभागिन मैं
तुझे देख भी न सकी
आज भी गूंजती है
तेरी मासूम सी आवाज़
मेरे कानो में
वह माँ- माँ की पुकार
बस सुना है तुझे
कुछ भी न कर सकी
नियति कहूँ
किस्मत कहूँ
या अपनी भूल
क्या कहूँ
कुछ कह भी नहीं सकती
यह भी नहीं कह सकती
तू दुनिया में नहीं आई
आई थी तू
स्वागत न कर सकी तेरा
ममता नहीं उड़ेली तुझपर
जाने दिया दुनिया से तुझे
तू चली गई
बहुत दूर.........!
पुकारती रही मुझे
भूल न सकूंगी तुझे
हर पल याद करती हूँ
बहते हैं आंसू
छलकता है आँचल
वादा है तुझसे
अगला जन्म लूंगी
फिर जन्म दूँगी तुझे
छुपा लूंगी आँचल में
लुटाउंगी ममता तुझपर
जो जी चाहे सजा देना
मुझे पल-पल सताना
मेरी ममता को तरसाना
जितना जी चाहे रुलाना
पर माफ़ नहीं करना मुझे....
मेरे आँचल में
अभागिन मैं
तुझे देख भी न सकी
आज भी गूंजती है
तेरी मासूम सी आवाज़
मेरे कानो में
वह माँ- माँ की पुकार
बस सुना है तुझे
कुछ भी न कर सकी
नियति कहूँ
किस्मत कहूँ
या अपनी भूल
क्या कहूँ
कुछ कह भी नहीं सकती
यह भी नहीं कह सकती
तू दुनिया में नहीं आई
आई थी तू
स्वागत न कर सकी तेरा
ममता नहीं उड़ेली तुझपर
जाने दिया दुनिया से तुझे
तू चली गई
बहुत दूर.........!
पुकारती रही मुझे
भूल न सकूंगी तुझे
हर पल याद करती हूँ
बहते हैं आंसू
छलकता है आँचल
वादा है तुझसे
अगला जन्म लूंगी
फिर जन्म दूँगी तुझे
छुपा लूंगी आँचल में
लुटाउंगी ममता तुझपर
जो जी चाहे सजा देना
मुझे पल-पल सताना
मेरी ममता को तरसाना
जितना जी चाहे रुलाना
पर माफ़ नहीं करना मुझे....
दर्द को बखूबी शब्दों में बाँधा है आपने.
जवाब देंहटाएंआभार.
शब्द शब्द में ममता का सागर फ़ूट पड़ा
जवाब देंहटाएंममता के प्रवाह पर न कोई बांध बना
ममता ही जीवन और जीवन मे ममता
आंखर आंखर में भरा हुआ है दर्द घना
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !!
जवाब देंहटाएंक्या सब आँचल इतना ही दर्द का अनुभव करती है जब वह अपने बच्चे का स्वागत नहीं कर पाती है..संध्या जी , किस दर्द को आपने शब्द दे दिया..?
जवाब देंहटाएंअति उत्तम,सराहनीय ममतामई प्रस्तुति,सुंदर रचना.....
जवाब देंहटाएंNEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...
मैं समझती हूँ तेरी लाचारी
जवाब देंहटाएंमाफ़ नहीं किये जायेंगे वे
जिन्होंने तुम्हें लाचार किया
मेरे अस्तित्व के साथ तेरे अस्तित्व को खत्म किया
दर्द भरी मार्मिक पोस्ट!
जवाब देंहटाएंसादर
ह्रदय के शब्द ..
जवाब देंहटाएंkalamdaan.blogspot.in
गहन मार्मिक चित्रण किया है |बधाई अच्छी रचना के लिए |
जवाब देंहटाएंआशा
दिल को झकझोरती रचना.....
जवाब देंहटाएंबहुत मर्मस्पर्शी...एक एक शब्द दर्द से भीगा हुआ...
जवाब देंहटाएंएक माँ की ममता का सटीक चित्रण .....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति ममतामई
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
जवाब देंहटाएंमार्मिक!
जवाब देंहटाएंइस उम्दा रचना को पढ़वाने के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंHridaysparshi.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ...बेहतरीन!!
जवाब देंहटाएंअद्भुत अभिव्यक्ति है यह :) बधाई !
जवाब देंहटाएंबहुत मर्म स्पर्शी कविता है ...रुला दिया आपने !
जवाब देंहटाएंdil ko chu lene vale shabd..
जवाब देंहटाएंदिल को छू गयी...
जवाब देंहटाएंशायद हर मां के दिल को छू जायेगी...
सुन्दर रचना..
बहुत मार्मिक 👌
जवाब देंहटाएंमन को भिगो गई
जवाब देंहटाएं