नारी ही सृष्टि की जनक होती है..... गहरे भाव लिए सुंदर रचना।
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
देवी हो तुम अधिकार न मांगो
जवाब देंहटाएंसारी कायनात तुम्हारी ये जानो
छल जाते प्रशंसा के चंद शब्द
नारी हो तुम अब सच पहचानों
प्रभावितअधिकारों से वंचित
जवाब देंहटाएंनारी नहीं
देवी हो तुम
...........नारी तो है ही देवी
सटीक अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंबधाई..
वंचित पर असीम सामर्थ्य ... क्योंकि नारी नहीं माँ हो तुम
जवाब देंहटाएंनारी को नारी रहने दो
जवाब देंहटाएंमत देवी बनाओ
ये झूठे आडंबरो मे
ना उसे फ़ंसाओ
सुन्दर पोस्ट|
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा आपने।
जवाब देंहटाएंसादर
कल 07/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
सच में देवी हो ! अगर अपनी ताकत को पहचान सको तो ..!
जवाब देंहटाएंसच में नारी देवी है. सुंदर अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंबधाई.
निसंदेह नारी देवी नारी शक्ति है
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन रचना,लाजबाब प्रस्तुति,
NEW POST...काव्यान्जलि ...: बोतल का दूध...
नारी ही सृष्टि की जनक होती है.....
जवाब देंहटाएंगहरे भाव लिए सुंदर रचना।
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
बहुत सुन्दर उपमान ...
जवाब देंहटाएंबस देवी ही बनी रहो.....सुंदर शब्दों में खरी बात ,
जवाब देंहटाएंनिस्संदेह!
जवाब देंहटाएंनारी शक्ति,संयम,सामर्थ और सहशीलता की गाथा है....सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंनारी सच में देवी हो होती है ... पर आज पुरुष उस देवी को अपने अधीन रखना चाहता है .. उसकी शक्ति को नहीं मानना चाहता है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंआभार !
बहुत सटीक अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंसटीक ,सार्थक अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंInsaan apne karm se mahaan banta hai..
जवाब देंहटाएंna to naari sirf naari bhar hone se devi ho jaati hai..
aur na hi baaki koi insaan.. :)
sundar rachna :)
palchhin-aditya.blogspot.in
क्या बात है ! सुन्दर और अर्थपूर्ण पंक्तियाँ.
जवाब देंहटाएंdevi ho tum:)
जवाब देंहटाएंholi ki shubhkamnayen
सत्याभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंसंदेहों से प्रभावित
जवाब देंहटाएंgood
जवाब देंहटाएं♥
मां पत्नी बेटी बहन देवियां हैं ; चरणों पर शीश धरो !!
मुझे अपने गीत की याद हो आई …
आदरणीया संध्या जी
सस्नेहाभिवादन !
बहुत सुंदर है आपकी कविता , आभार !
नारी, नारी है इस कारण देवी भी है…
नारी का हर रूप वंदनीय है !
शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार