डाल-डाल टेसू खिले, आ गया मधुमास,
फाल्गुन आया झूम के, ऋतू बसंत के साथ.
रंग अबीर से हो गया, अम्बर देखो लाल,
चूनर भीगी देख के, हुए गुलाबी गाल.
कोयल कुहू-कुहू कर रही, आम रहे बौराय,
रंग पिया की प्रीत का, मेरे मन को भाये.
सिमट रहे है दायरे, अपने हो गए दूर,
अब होली - होली कहाँ, केवल है दस्तूर.
टूटे दिल न जुड़ सके, चले न मिलकर संग,
फिर कैसा किसके लिए, होली का हुडदंग.
इस बौछार में घोल दो, छल कपट और रंज,
रिश्तों में चलते नहीं, झूठे खेल प्रपंच.
होली प्रेम प्रतीक है, भावनाओं का मेल,
हिलमिल कर ही खेलिए, रंगों का यह खेल.
शब्द हमारे कर सकें, खुशियों की बौछार,
तभी सार्थक अपने लिए, होली का त्यौहार....
फाल्गुन आया झूम के, ऋतू बसंत के साथ.
रंग अबीर से हो गया, अम्बर देखो लाल,
चूनर भीगी देख के, हुए गुलाबी गाल.
कोयल कुहू-कुहू कर रही, आम रहे बौराय,
रंग पिया की प्रीत का, मेरे मन को भाये.
सिमट रहे है दायरे, अपने हो गए दूर,
अब होली - होली कहाँ, केवल है दस्तूर.
टूटे दिल न जुड़ सके, चले न मिलकर संग,
फिर कैसा किसके लिए, होली का हुडदंग.
इस बौछार में घोल दो, छल कपट और रंज,
रिश्तों में चलते नहीं, झूठे खेल प्रपंच.
होली प्रेम प्रतीक है, भावनाओं का मेल,
हिलमिल कर ही खेलिए, रंगों का यह खेल.
शब्द हमारे कर सकें, खुशियों की बौछार,
तभी सार्थक अपने लिए, होली का त्यौहार....
शब्द हमारे कर सकें, खुशियों की बौछार,
जवाब देंहटाएंतभी सार्थक अपने लिए, होली का त्यौहार....
आपकी भावनाएं बहुत उत्तम हैं ...होली का त्यौहार हम सबके जीवन को खुशियों के रंग से रंग दे ...आपकी रचना का हर एक शब्द सार्थक है ....अति सुंदर मनभावन ...आपका आभार
होली तो खुशियों का त्यौहार है । प्रेम और स्नेह बांटने का त्यौहार है । उमंग और उल्लास से सराबोर होली मुबारक हो आपको।
जवाब देंहटाएंहोली की बहुत बहुत बहुत बहुत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंरंगों का त्यौहार बहुत मुबारक हो आपको और आपके परिवार को|
जवाब देंहटाएंहोली प्रेम प्रतीक है, भावनाओं का मेल,
जवाब देंहटाएंहिलमिल कर ही खेलिए, रंगों का यह खेल.
शब्द हमारे कर सकें, खुशियों की बौछार,
तभी सार्थक अपने लिए, होली का त्यौहार....
आपके रसमय और रंगीन शब्दों ने तो खुशियों से नहला ही दिया मन को.हमारे लिए होली का त्यौहार वास्तव में सार्थक हो गया .आपको भी
सच्ची होली का निर्मल आनद प्राप्त हो ,ऐसी दुआ और कामना है मेरी .
होली के रंगों से सराबोर आपकी ये कविता...
जवाब देंहटाएंआपकी होली रंगों में डूबी रहे..
होली की शुभकामनाएं...
शब्द हमारे कर सकें, खुशियों की बौछार,
जवाब देंहटाएंतभी सार्थक अपने लिए, होली का त्यौहार....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...होली की शुभकामनायें
सिमट रहे हैं दायरे, अपने हो गय दूर |
जवाब देंहटाएंअब होली-होली कहाँ केवल है दस्तूर |
सत्य वचन .....सुन्दर दोहे
टूटे दिल न जुड़ सके, चले न मिलकर संग,
जवाब देंहटाएंफिर कैसा किसके लिए, होली का हुडदंग.
बहुत सही कहा है..बहुत सार्थक सोच..होली की हार्दिक शुभकामनायें!
तभी सार्थक अपने लिये होली का त्यौंहार । वाह...
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ...
ब्लागराग : क्या मैं खुश हो सकता हूँ ?
अरे... रे... आकस्मिक आक्रमण होली का !
होली की शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
इस बौछार में घोल दो, छल कपट और रंज,
जवाब देंहटाएंरिश्तों में चलते नहीं, झूठे खेल प्रपंच.
बहुत सुंदर संध्या जी .....होली की शुभकामनायें
bahut acchha sandesh deti holi ki sarthak post.
जवाब देंहटाएंholi ki shubhkaamnaye.
होली के विभिन्न रंगों में रंगे सुन्दर दोहे पढ़ के मज़ा आ गया.
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनायें.
रंगों भरी होली की सभी को शुभकामनाएं ... सही वक्त पर तुमने होली की मस्ती और इसका असली उद्देश्य परिभाषित किया है ... मस्ती और सन्देश भरी होली की कविता के लिए कोटिशः धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंशब्द हमारे कर सकें, खुशियों की बौछार,
जवाब देंहटाएंतभी सार्थक अपने लिए, होली का त्यौहार....
बहुत सुन्दर सन्देश.
होली की शुभ कामनाएं
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंआपके शब्दों ने रंगों की इतनी बौछारें कर दी हैं कि होली के सरे रंग खिल गए हैं. होली कि जिन बुराईयों पर आपने ध्यान खिंचा है उससे बचने का एक तरीका यह भी है कि होली को पारम्परिक तरीके से मनाने का सिलसिला जरी रखा जाये तो आप को होली कि शुभकामनाएं ढेर सरे अबीर-गुलाल के संग.
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंकृपया प्रोफ़ायल में अपना चित्र उपलब्ध करायें ।
ताकि आपका परिचय ब्लाग वर्ल्ड काम में प्रकाशित
हो सके
आप सभी को व आपके पूरे परिवार को हमारी ओर से होली की हार्दिक - हार्दिक शुभकामनायें.. होली के ये रंग आप सभी के जीवन को नई उमंग नया उल्लास व नए रंगों से भर दें यही कामना है..
जवाब देंहटाएंआप सभी ने मेरी रचना को इतना सराहा और अपनी खूबसूरत प्रसंशा से प्रोत्साहित किया इसके लिए आप सभी की दिल से आभारी हूँ... धन्यवाद....
शब्द हमारे कर सकें, खुशियों की बौछार,
जवाब देंहटाएंतभी सार्थक अपने लिए, होली का त्यौहार....
संध्या जी आपकी लेखनी के शब्दों ने सार्थकता सिध्ध की है
आपको होली की ढेरो ढेर शुभकामनाए .............
टूटे दिल न जुड़ सके, चले न मिलकर संग,
जवाब देंहटाएंफिर कैसा किसके लिए, होली का हुडदंग.
खुबसुरत। आपको भी होली की सपरिवार हार्दिक बधाई।
होली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
जवाब देंहटाएंआइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंगुलाल के संग ..होली की शुभकामनाएं ...।।
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआरे वाह क्या रंग जमाया है
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें ..ईश्वर करे हम सब के जीवन में होली के रंगों की तरह प्यार, सहनशीलता और उदारता के रंग हमेशा बने रहें ...आपका आभार इस सार्थक रचना के लिए
बहुत सुन्दर गीत है संध्या जी.
जवाब देंहटाएंरंग-पर्व पर हार्दिक बधाई.
शब्द हमारे कर सकें, खुशियों की बौछार,
जवाब देंहटाएंतभी सार्थक अपने लिए, होली का त्यौहार...
सुंदर और लाजवाब लिखा है ...सच कहा है ... होली की मस्ती में कोई ध्यान इन बातों का रखना है ....
आपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएँ ....
होली के रंगों से सराबोर सारे दोहे एक से बढकर एक हैं, बधाई ।
जवाब देंहटाएंसिमट रहे है दायरे, अपने हो गए दूर,
जवाब देंहटाएंअब होली - होली कहाँ, केवल है दस्तूर.
टूटे दिल न जुड़ सके, चले न मिलकर संग,
फिर कैसा किसके लिए, होली का हुडदंग.
Aisa ho to holi kya hui? Ye to ranjish ho jayegi!Sab gile shikve bhoolke holi khelni chahiye!
अच्छी अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंहोली त्यौहार के मर्म को रेखांकित करती रचना।
आखिर रंगों के इस त्यौहार का मर्म ही यह है कि बडे छोटे, अमीर गरीब का भेद मिट जाए।
आपको और आपके परिवार को होली की शुभकामना।
लाज़वाब।
जवाब देंहटाएं..अच्छे लगे सभी दोहे। कृपया बधाई स्वीकार करें।
ग अबीर से हो गया, अम्बर देखो लाल,
जवाब देंहटाएंचूनर भीगी देख के, हुए गुलाबी गाल.
संध्या शर्मा जी नमस्कार क्या जादू है आप की लेखनी में बहुत सुन्दर कवितायेँ मन मोह लेती हैं बढती रहें हिंदी के प्रसार प्रचार में
शुभ कामनाएं मराठी परिवेश और ये सुन्दर हिंदी -आप आयें और हमारे ब्लॉग पर भी अपना सुझाव समर्थन दें धन्यवाद
सुरेन्द्र शुक्ल भ्रमर ५