अभिव्यक्ति की सुंदरियां
भावों के कालजयी मंच पर
हंसती, मुस्कुराती,गाती
ख़ुशी से थिरक रही हैं
मंद, तेज़ चाल चलती
शब्दों की रंग बिरंगी
चूनर पहन इठलाती
करती फिर रही हैं
प्रतिभा का प्रदर्शन
रूप का जादू दिखाती
सजीली मुस्कान लिए
आभार प्रकट करती...
हमारे मन की व्याकुलता
झंझावातों की तपिश
नयनो में उमड़ता
अस्तित्व का ज्वार
झूठी प्रसंशा से भरी
करतल ध्वनियाँ
इतनी पीड़ा के घाव
उनका ठाठ-बाट
ऐश्वर्य-वैभव सब कुछ
बनाये रखेगा
क्या उनका भी हृदय
हो जायेगा विह्वल
द्रवित मन बचा सकेगा
उनकी यह सुन्दरता...
क्या तब भी ये सुंदरियां
बाहर से जैसी दिखती है
अन्दर भी वैसी ही होंगी ?????
भावों के कालजयी मंच पर
हंसती, मुस्कुराती,गाती
ख़ुशी से थिरक रही हैं
मंद, तेज़ चाल चलती
शब्दों की रंग बिरंगी
चूनर पहन इठलाती
करती फिर रही हैं
प्रतिभा का प्रदर्शन
रूप का जादू दिखाती
सजीली मुस्कान लिए
आभार प्रकट करती...
हमारे मन की व्याकुलता
झंझावातों की तपिश
नयनो में उमड़ता
अस्तित्व का ज्वार
झूठी प्रसंशा से भरी
करतल ध्वनियाँ
इतनी पीड़ा के घाव
उनका ठाठ-बाट
ऐश्वर्य-वैभव सब कुछ
बनाये रखेगा
क्या उनका भी हृदय
हो जायेगा विह्वल
द्रवित मन बचा सकेगा
उनकी यह सुन्दरता...
क्या तब भी ये सुंदरियां
बाहर से जैसी दिखती है
अन्दर भी वैसी ही होंगी ?????