हिराने अंगना
बिसरे चूल्हा
कहाँ डरे अब
बरा पे झूला
भूले चकिया
सूपा, फुकनी
नहीं दिखे ढिग
छुई की चिकनी
ओझल भये
गेरू के फूल
गाँव गलिन की
गुईयाँ संगे
सजा लओ
सबने अपनों
छोटो सो घरगूला.....
बिसरे चूल्हा
कहाँ डरे अब
बरा पे झूला
भूले चकिया
सूपा, फुकनी
नहीं दिखे ढिग
छुई की चिकनी
ओझल भये
गेरू के फूल
गाँव गलिन की
गुईयाँ संगे
सजा लओ
सबने अपनों
छोटो सो घरगूला.....