पलाश की डालियों पर
सज गए हो तुम
दहक रहे हो
पूरे जंगल में
मुझे पता है
कोई आये न आये
तुम ज़रूर आओगे
सब कुछ बदल जायेगा
पर तुम न बदलोगे
बने रहोगे तुम
जस के तस
आओ तुम्हारा
स्वागत है वसंत ...
आप सभी को वसंत पंचमी की हार्दिक बधाई व शुभकामनायें ....
सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सरल और सहज किन्तु बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंसुस्वागतम !!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना है |स्वागत |
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना तमाम भावनाओं को समेटे हुए...
जवाब देंहटाएंवाह ... बसन्त को आना ही था ।
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