मेरे जीवन का
हर रंग, हर अहसास
हर महक, हर स्वाद
सिर्फ तुमसे है
कोई वजूद नहीं मेरा
तुम्हारे बिना
मेरी आँखों में
चमकता है
तुम्हारा प्यार
महकती है
तुम्हारी खुशबू से
मन की रजनीगंधा
रौशन है
तुम्हारी चांदनी से
मेरी हर शाम
तुम्हारा साथ
आशा की रेशमी डोर
तुम्हारा हाथ
मज़बूत विश्वास
हर आहट मुझ तक
तुमसे होकर आती है
इतना ही जानता है
मेरा कोमल मन
तुमसे मिला अपनापन
न्योछावर है तुमपर
मेरा सर्वस्व
समर्पित है तुम्हे
सारा जीवन.....
हर रंग, हर अहसास
हर महक, हर स्वाद
सिर्फ तुमसे है
कोई वजूद नहीं मेरा
तुम्हारे बिना
मेरी आँखों में
चमकता है
तुम्हारा प्यार
महकती है
तुम्हारी खुशबू से
मन की रजनीगंधा
रौशन है
तुम्हारी चांदनी से
मेरी हर शाम
तुम्हारा साथ
आशा की रेशमी डोर
तुम्हारा हाथ
मज़बूत विश्वास
हर आहट मुझ तक
तुमसे होकर आती है
इतना ही जानता है
मेरा कोमल मन
तुमसे मिला अपनापन
न्योछावर है तुमपर
मेरा सर्वस्व
समर्पित है तुम्हे
सारा जीवन.....
जीवन का अर्थ यही
जवाब देंहटाएंहो अर्पण पूर्ण समर्पण
अंजुरी भर पुष्प श्रद्धा
हो अर्चन पूर्ण तर्पण . सुंदर भाव ..... आभार
हृदयस्पर्शी ....समर्पण के सुंदर भाव
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर कविता ...
जवाब देंहटाएंछत्तीसगढ़ राज स्थापना दिवस की
बधाई सहित ......
बहुत खूब | बढ़िया रचना |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर रचना ..
जवाब देंहटाएंसमर्पण में ही तो सुख है ..
कोमल भावों की सहज अभिव्यक्ति , समर्पण जीवन का सुख है , प्रेम की चरम सीमा , कविता प्रारंभ में लौकिक प्रेम को अभिव्यक्त करती लगती है , लेकिन अंतिम पंक्तियों में अध्यात्मिक भाव की तरह ले जाती है जो कि कवियित्री की काव्य कुशुलता का परिचायक है ...!
जवाब देंहटाएंसमर्पण का सही अर्थ ...
जवाब देंहटाएंतुमसे मिला अपनापन
जवाब देंहटाएंन्योछावर है तुमपर
मेरा सर्वस्व
समर्पित है तुम्हे
सारा जीवन..... समर्पण भाव की उत्कृष्ट प्रस्तुति,,,,
RECENT POST LINK...: खता,,,
प्रेम से सराबोर सुन्दर पोस्ट।
जवाब देंहटाएंप्रेम की यही तो पहचान है...सुंदर भावपूर्ण रचना !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रेममयी रचना..
जवाब देंहटाएंbeautiful...
:-)
कोमल भावों से सजी ..
जवाब देंहटाएं..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती पेश की आपने संध्या जी