उजाले खड़े हैं राह में
तेरे इंतज़ार में
बुलंद हौसलों की कश्ती
समंदर में उतार दे
तेरे इरादों की पतवार
पार कर लेगी हर समंदर
सुना है मंजिल की चाहत
मुश्किल आसान कर देती है
राह चाहे कितनी भी दुश्वार हो
मंजिल की ओर मुड़ जाती है
क्या हुआ जो वक़्त की धुंध छाये
आंधी चले या तूफ़ान आए
तू चल देख अब मंजिल करीब है
अपने ही हाथों लिखना अपना नसीब है
कुछ देर और शायद इम्तेहां है तेरा
सितारों के बीच तू आफ़ताब है मेरा
तेरे इंतज़ार में
बुलंद हौसलों की कश्ती
समंदर में उतार दे
तेरे इरादों की पतवार
पार कर लेगी हर समंदर
सुना है मंजिल की चाहत
मुश्किल आसान कर देती है
राह चाहे कितनी भी दुश्वार हो
मंजिल की ओर मुड़ जाती है
क्या हुआ जो वक़्त की धुंध छाये
आंधी चले या तूफ़ान आए
तू चल देख अब मंजिल करीब है
अपने ही हाथों लिखना अपना नसीब है
कुछ देर और शायद इम्तेहां है तेरा
सितारों के बीच तू आफ़ताब है मेरा
बस इतना समझ ले तू गुमान है मेरा
तू ख्वाब है मेरा, सारा जहान है मेरा...
तू ख्वाब है मेरा, सारा जहान है मेरा...
बस इतना समझ ले तू गुमान है मेरा
जवाब देंहटाएंतू ख्वाब है मेरा, सारा जहान है मेरा.
वाह .. वाह बहुत ही बढि़या ... अनुपम प्रस्तुति।
बहुत सुन्दर संध्या जी.....
जवाब देंहटाएंमधुर एहसास...
सस्नेह
अनु
सब्र कर प्यारे वो मंजर भी आयेगा ,
जवाब देंहटाएंप्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा ,
अच्छी कविता ...
Keep Writing Ma'm on this topic..
Thanks.
यही गुमान ही सारी मुश्किलें आसान कर देती है..फिर मंजिल की कौन परवा करता है..सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंकुछ देर और शायद है इम्तेहां तेरा
जवाब देंहटाएंसितारों के बीच तू आफ़ताब है मेरा
बस इतना समझ ले तू गुमान है मेरा
तू ख्वाब है मेरा, सारा जहान है मेरा...वाह : बहुत खुबसूरत रचना..
जिंदगी के इम्तहानों में हंस कर गुजर जाने की प्रेरणा देती सुंदर कविता !
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबुलंद हौसलों की कश्ती
समंदर में उतार दे
तेरे इरादों की पतवार
पार कर लेगी हर समंदर
सुना है मंजिल की चाहत
मुश्किल आसान कर देती है
बुलन हौसले हो तो मंजिल खुद-ब -खुद
जवाब देंहटाएंहाथ थामती है..प्रेरणादायी बेहतरीन अभिव्यक्ती...
:-)
:)
जवाब देंहटाएंबस इतना समझ ले तू गुमान है मेरा
जवाब देंहटाएंतू ख्वाब है मेरा, सारा जहान है मेरा..
behatarin abhiwyakti
बस इतना समझ ले तू गुमान है मेरा
जवाब देंहटाएंतू ख्वाब है मेरा, सारा जहान है मेरा...
बहुत बढ़िया प्रस्तुती, सुंदर रचना,,,,,
RECENT POST काव्यान्जलि ...: आदर्शवादी नेता,
तू चल देख अब मंजिल करीब है
जवाब देंहटाएंअपने ही हाथों लिखना अपना नसीब है
बुलंद होंसले और मजबूत इरादे लिए काफी कुछ गहराई में लिखा है इस रचना में.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
एक बारीक अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंइरादे मजबूत हों तो मंजिल पास आ जाती है ... जोशीली रचना है ... लाजवाब ..
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत और आशा से भरी पंक्तियाँ।
जवाब देंहटाएंकल 27/07/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बस इतना समझ ले तू गुमान है मेरा
जवाब देंहटाएंतू ख्वाब है मेरा, सारा जहान है मेरा...
बहुत बढ़िया प्रस्तुती, सुंदर रचना,,,,,
RECENT POST,,,इन्तजार,,,
बस इतना समझ ले तू गुमान है मेरा
जवाब देंहटाएंतू ख्वाब है मेरा, सारा जहान है मेरा..
प्रोत्साहन देती पंक्तियाँ है...... बहुत बढिया रचना
वाह! क्या खूबसूरत रचना...
जवाब देंहटाएंसादर।
उजाले खड़े हैं राह में
जवाब देंहटाएंतेरे इंतज़ार में
बुलंद हौसलों की कश्ती
समंदर में उतार दे ...
बेहतरीन पंक्तियाँ ....कई सीख दे जाती है.
तू चल देख अब मंजिल करीब है
जवाब देंहटाएंअपने ही हाथों लिखना अपना नसीब है
बहुत सुंदर।
प्रेरित करती पंक्तियां।