आज मिले फुर्सत के कुछ पल,
बक्सों में बंद यादों संग हो ली.
जीर्ण होती एक-एक परत,
बड़े ही जतन से खोली.
मैंने इनसे कुछ ना कहा,
ये मुझसे जीभर के बोली.
कितनी अकेली थी मैं,
जब ये यादें ना थीं.
आज जब पड़ा इनसे वास्ता,
लगा यही हैं मंजिल मेरी - यही रास्ता.
मैंने भी बना लिया इन्हें हमराज़,
हर परत में संजो कर अपना आज.
एक दिन ये खुशबू की तरह फैलेगी,
आज मौन है कल खूब बोलेगी.
बक्सों में बंद यादों संग हो ली.
जीर्ण होती एक-एक परत,
बड़े ही जतन से खोली.
मैंने इनसे कुछ ना कहा,
ये मुझसे जीभर के बोली.
कितनी अकेली थी मैं,
जब ये यादें ना थीं.
आज जब पड़ा इनसे वास्ता,
लगा यही हैं मंजिल मेरी - यही रास्ता.
मैंने भी बना लिया इन्हें हमराज़,
हर परत में संजो कर अपना आज.
एक दिन ये खुशबू की तरह फैलेगी,
आज मौन है कल खूब बोलेगी.
बहुत कुछ याद दिला जाती हैं यादें .. सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंप्रशंसनीय...
जवाब देंहटाएंक्या बात है
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया
सचमुच यह यादें जीवन के अनुभूत सत्यों को संजो कर रखती हैं, कभी आगे बढ़ने की प्रेरणा बनती हैं और कभी ??? लेकिन जीवन कहाँ रुकता है . इसलिए इन्हें संजोना ही बेहतर होता है, परत दर परत ....!
जवाब देंहटाएंबोलेगी तो कई राज़ भी खोलेगी..सुन्दर लिखा है..
जवाब देंहटाएंये यादें जब तहों से बाहर आती हैं तो अपना आप भी कई तहों से बाहर आ जाता है ...
जवाब देंहटाएंबोलेंगीं.....
जवाब देंहटाएंबहुत बोलती हैं यादें.....
मन की परतें खोल देतीं हैं......
सुंदर!!!
मैंने भी बना लिया इन्हें हमराज़,
जवाब देंहटाएंहर परत में संजो कर अपना आज.
एक दिन ये खुशबू की तरह फैलेगी,
आज मौन है कल खूब बोलेगी.
बहुत, बहुत सुन्दर
सुन्दर भाव से संजोयी बेहतरीन रचना...
मन मोहक सुंदर भाव संजोये लाजबाब प्रस्तुति ,,,,,
जवाब देंहटाएंMY RESENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: स्वागत गीत,,,,,
बहुत खुबसूरत यादें जीवन को प्रेरणा देती है....बेहतरीन रचना..
जवाब देंहटाएंमैंने भी बना लिया इन्हें हमराज़,
जवाब देंहटाएंहर परत में संजो कर अपना आज.
एक दिन ये खुशबू की तरह फैलेगी,
आज मौन है कल खूब बोलेगी.
बहुत खूब !!
सुन्दर लिखा है.
जवाब देंहटाएंअच्छी यादें ...........आपकी को पोस्ट हिन्दी ब्लॉग परिवार में लिंक दिया जा रहा है ! कृप्या इससे जुड़े ओर अपने प्रतिक्रिया जरुर दे
जवाब देंहटाएंमौन यादें चुपचाप बोलती हैं
जवाब देंहटाएंअंतरमन की गिरह खोलती हैं
पहुंचती हैं सातवें आसमान पे
पवन सम सर्वत्र ही डोलती हैं
सुंदर भावाभिव्यक्ति।
यादें बोलती हैं...और कभी खुशी कभी गम से रूबरू करा जाती हैं.
जवाब देंहटाएंएक दिन ये खुशबू की तरह फैलेगी,
जवाब देंहटाएंआज मौन है कल खूब बोलेगी.
सुन्दर....
सादर.
कितनी अकेली थी मैं,
जवाब देंहटाएंजब ये यादें ना थीं.
....बिलकुल सच...ये यादें ही तो जीने का संबल हैं...बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना....
यादो की अंतहीन अभिवयक्ति.....खुबसूरत अभिवयक्ति....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंbahut pasand aayee.....
जवाब देंहटाएंyade hi meri dharohar sath mere jayengi aur yad meri de jayengi
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