नन्हे-नन्हे पाँवों से चलके
सुन तेरे घर मे आऊंगी मैं
होगी तेरे घर रोज दीवाली
इतनी खुशियाँ लाऊंगी मैं
नाज़ुक उंगलियों से तेरा
हाथ पकड़ना है मुझको
कोमल होठों से माँ तेरा
नेह स्पर्श करना मुझको
तोतली बोली में तुझको
मधुर गीत सुनाऊंगी मैं
तू जब थक जाएगी तो
तेरा मन बहलाऊंगी मैं
मैं कोई जिद नहीं करुँगी
मेरी साँसों को चलने दो
मत मारो मुझे कोख में
तुझे पुकार छुप जाऊँगी
थोडा चिढ़ाकर हंस लूँगी
कभी घोड़ा बनाकर तुझे
तेरी पीठ पर चढ लूंगी
सताउंगी झूठी कुट्टी करके
तेरे डांटने से नहीं चिढूंगी
नाराज न होऊंगी तुझसे
कभी न तुझसे मै रूठूंगी
मुझे खुद से दूर ना कर
मुझे जन्म लेने दे माँ
सुंदर जग मैं भी देखूं
मुझे जग मे आने दे माँ
गहने पहन श्रृंगार करके
तुझ सी चोटी लहराऊंगी
तेरे जैसी पहनूंगी साड़ी
छवि तेरी सी दिखलाऊंगी
पापा की मुंह लगी रहूंगी
उनसे शैतानी खूब करुंगी
अचंभे से मुस्काएगें पापा
जब अव्वल दर्जे आऊंगी
सब मुझे प्यार से देखेंगे
मुझमें दिखेगी तेरी सूरत
लेगा मन में स्नेह हिलोरें
तब चूमेगी तू मेरी मूरत
बड़ी होकर ससुराल जाउंगी
नाम तेरा मैं खूब करुंगी
एक भी बदनामी का दाग
तेरे माथे पे लगने न दूंगी
विदा जब करेगी मुझे तू
तेरे नयन भर न आयेंगे
जब कहेगें बेटी हो मुझसी
नयन तेरे बस छलक जाएगें
वादा सुन ले मेरा तू माँ
दूर रहकर भी पास रहूंगी
दु:ख हर लूंगी तेरे सब मैं
हरपल बनके आस रहूंगी
तेरा सुख मेरा सुख माना
मेरा जीवन अर्पण है माँ
मुझे मार ना विनय तुझसे
एक बार जन्म लेने दे माँ
सुन तेरे घर मे आऊंगी मैं
होगी तेरे घर रोज दीवाली
इतनी खुशियाँ लाऊंगी मैं
नाज़ुक उंगलियों से तेरा
हाथ पकड़ना है मुझको
कोमल होठों से माँ तेरा
नेह स्पर्श करना मुझको
तोतली बोली में तुझको
मधुर गीत सुनाऊंगी मैं
तू जब थक जाएगी तो
तेरा मन बहलाऊंगी मैं
मैं कोई जिद नहीं करुँगी
मेरी साँसों को चलने दो
मत मारो मुझे कोख में
एक बार जन्म लेने दो
तुझे पुकार छुप जाऊँगी
थोडा चिढ़ाकर हंस लूँगी
कभी घोड़ा बनाकर तुझे
तेरी पीठ पर चढ लूंगी
सताउंगी झूठी कुट्टी करके
तेरे डांटने से नहीं चिढूंगी
नाराज न होऊंगी तुझसे
कभी न तुझसे मै रूठूंगी
मुझे खुद से दूर ना कर
मुझे जन्म लेने दे माँ
सुंदर जग मैं भी देखूं
मुझे जग मे आने दे माँ
गहने पहन श्रृंगार करके
तुझ सी चोटी लहराऊंगी
तेरे जैसी पहनूंगी साड़ी
छवि तेरी सी दिखलाऊंगी
पापा की मुंह लगी रहूंगी
उनसे शैतानी खूब करुंगी
अचंभे से मुस्काएगें पापा
जब अव्वल दर्जे आऊंगी
सब मुझे प्यार से देखेंगे
मुझमें दिखेगी तेरी सूरत
लेगा मन में स्नेह हिलोरें
तब चूमेगी तू मेरी मूरत
बड़ी होकर ससुराल जाउंगी
नाम तेरा मैं खूब करुंगी
एक भी बदनामी का दाग
तेरे माथे पे लगने न दूंगी
विदा जब करेगी मुझे तू
तेरे नयन भर न आयेंगे
जब कहेगें बेटी हो मुझसी
नयन तेरे बस छलक जाएगें
वादा सुन ले मेरा तू माँ
दूर रहकर भी पास रहूंगी
दु:ख हर लूंगी तेरे सब मैं
हरपल बनके आस रहूंगी
तेरा सुख मेरा सुख माना
मेरा जीवन अर्पण है माँ
मुझे मार ना विनय तुझसे
एक बार जन्म लेने दे माँ
आह ...अजन्मी बेटी की करुणामयी पुकार..... हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंतेरा सुख मेरा सुख माना
जवाब देंहटाएंमेरा जीवन अर्पण है माँ
मुझे मार ना विनय तुझसे
एक बार जन्म लेने दे माँ
काश,,... ये करुणामयी पुकार सभी मान ले तो ,......
दिल को छूती लाजबाब पंक्तियाँ,..संध्या जी,..बधाई
MY RECENT POST ,...काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...
माँ का वश चले तो क्यूँ ना आने देगी वो अपने जिगर के टुकड़े को.......
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव संध्या जी.
सादर.
तेरी कोख को मैंने चुना है
जवाब देंहटाएंमुझे निराश न करना माँ
जीने का हक देकर मुझको
उपकार इतना तुम करना माँ.....काश,.अजन्मी बेटी की करुणामयी पुकार सब को सुनाई देता...
माँ वह करुणा का सागर है जिसमें विपुल स्नेह पलता है। एक अजन्मी कन्या की पुकार वह अवश्य सुनेगी। बेटियाँ न होतों सारे रिश्ते नाते ही खत्म हो जाएगें। करुणा जगाती सुंदर सी रचना।
जवाब देंहटाएंक्या कहने
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
मां मेरे गुनाहों को कुछ इस तरह से धो देती है
जब वो बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है
माँ .... ध्वनि प्रतिध्वनि ... शाश्वत अजर अमर
जवाब देंहटाएंबेटी को जन्म से पहले ही मार देना जघन्य अपराध है |
जवाब देंहटाएंमालूम नही कब ये सैतानी दिमाग सुधरेगी लोगों की सुन्दर प्रस्तुति धन्यवाद | इसी तरह की कविता के लिए मेरे ब्लॉग पे आयें |
बढ़िया प्रस्तुति! आपकी कविता में भाव की बहुलता इसे पठनीय बना देती है । मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । धन्यवाद
जवाब देंहटाएंमाँ ने जिन पर कर दिया, जीवन को आहूत
जवाब देंहटाएंकितनी माँ के भाग में , आये श्रवण सपूत
आये श्रवण सपूत , भरे क्यों वृद्धाश्रम हैं
एक दिवस माँ को अर्पित क्या यही धरम है
माँ से ज्यादा क्या दे डाला है दुनियाँ ने
इसी दिवस के लिये तुझे क्या पाला माँ ने ?
एक अजन्मी बेटी की करुनामय पुकार को बहुत सुन्दरता से शब्द दिए है....
जवाब देंहटाएंकोमल भावों से लिखी सुन्दर ,मार्मिक रचना..
happy mother's day....
behad sundar rachna,bdhai aap ko....
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना है,बधाई.....
जवाब देंहटाएंउद्वेलित करती रचना .
जवाब देंहटाएंतेरा सुख मेरा सुख माना
जवाब देंहटाएंमेरा जीवन अर्पण है माँ
मुझे मार ना विनय तुझसे
एक बार जन्म लेने दे माँ
my post kyon dedicated to you all
including my mother, sister,and aal realativies .
कोमल भावों से लिखी सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसंवेदनशील रचना अभिवयक्ति.....
जवाब देंहटाएंसंवेदनशील रचना अभिवयक्ति.....
जवाब देंहटाएंतेरा सुख मेरा सुख माना
जवाब देंहटाएंमेरा जीवन अर्पण है माँ
मुझे मार ना विनय तुझसे
एक बार जन्म लेने दे माँ
.....कैसे हैं माता पिता जिन्हें अजन्मी बेटी की करुण पुकार नहीं सुनाई देती...बहुत मर्मस्पर्शी रचना...
बेटी की पुकार ... मार्मिक रचना ...
जवाब देंहटाएंसभी के दिल तक ये आवाज़ पहुंचे और लिखना सार्थक हो जाए ऐसी कामना है ...
.
जवाब देंहटाएंबहुत भावप्रवण मार्मिक कविता है …
कदाचित अब कुछ बदलाव आ रहा है परिस्थितियों में
बहुत ही सुंदर भाव...सुन्दर प्रस्तुति...हार्दिक बधाई...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंसहजता से की गयी मर्मस्पर्शी रचना
जवाब देंहटाएंतेरा सुख मेरा सुख माना
जवाब देंहटाएंमेरा जीवन अर्पण है माँ
मुझे मार ना विनय तुझसे
एक बार जन्म लेने दे माँ....very touching....
सुन्दर रचना अजन्मी बेटी की पुकार
जवाब देंहटाएंतेरा सुख मेरा सुख माना
मेरा जीवन अर्पण है माँ
मुझे मार ना विनय तुझसे
एक बार जन्म लेने दे माँ...
सुन्दर पक्तिया है.
अजन्मी लड़की का गुनाह
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