खोल नयन देखो पल-पल,
बढ़ता जाये है अँधियारा.
भ्रष्ट हुआ हर दीप सलोना,
अब कौन करेगा उजियारा.
कहा बुद्ध ने स्वयं दीप बन,
पथ पर निर्भय बढ़ते जाना.
रुकना नहीं सत्य किरण बन,
तम अमावस का हरते जाना.
आये फिर से बीच हमारे,
दशरथ वचन निभाने वाला,
जन्मे राम जनहित खातिर,
वन गमन जो करने वाला.
धर्मयुद्ध का नायक जन्मे,
गर्वित हर गोकुल ग्वाला.
जमुना तट पर गूंजे बंसी,
राधा का मन हो मतवाला.
अन्याय पर बांह न फ़ड़के,
उसकी बेकार जवानी है.
संतति ऐसी नहीं जनेगी,
अब जननी ने ठानी है.
अति सुंदर...... जीवन की हर मुश्किल में साथ माँ ...सच है...
जवाब देंहटाएंप्यार करो तुम जननी को,
जवाब देंहटाएंस्वर्गिक सुख दिखलाएगी.
....प्रेरक पंक्तियों के साथ उत्कृष्ट प्रस्तुति ... बधाई सहित शुभकामनाएं ।
अन्याय पर बांह न फ़ड़के,
जवाब देंहटाएंउसकी बेकार जवानी है.
संतति ऐसी नहीं जनेगी,
अब जननी ने ठानी है.
बहुत बढि़या ।
प्रेरित करती हुई एक अच्छी कविता।
कुछ बातें आज भी क़ायम हैं ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंदशरथ वचन निभाने वाला,
जवाब देंहटाएंजन्मे राम जनहित खातिर,
वन गमन जो करने वाला.
धर्मयुद्ध का नायक जन्मे,
गर्वित हर गोकुल ग्वाला.
जमुना तट पर गूंजे बंसी,
राधा का मन हो मतवाला.
waah
प्यार करो तुम जननी को,
जवाब देंहटाएंस्वर्गिक सुख दिखलाएगी.
बेहद सुंदर माँ तो माँ है.
अन्याय पर बांह न फ़ड़के,
जवाब देंहटाएंउसकी बेकार जवानी है.
संतति ऐसी नहीं जनेगी,
अब जननी ने ठानी है.
bahut khoob
अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बढि़या ।
जवाब देंहटाएंप्रेरित करती हुई एक अच्छी कविता।
बेहतरीन पोस्ट,....
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: मै तेरा घर बसाने आई हूँ...
बहुत ही सुन्दर पोस्ट ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव .... माँ को जो पूजता है उसे कभी कोई कष्ट नहीं होता ... वो जननी माँ हो या धरती माँ
जवाब देंहटाएंपृथ्वी जैसी पावन माता,
जवाब देंहटाएंतुम हो इसके पूत दुलारे.
काट कलेजा रख देगी ये,
खड़े रहोगे हाथ पसारे.
बहुत खूब.
प्यार करो तुम जननी को,
जवाब देंहटाएंस्वर्गिक सुख दिखलाएगी.
बहुत ही सुन्दर
बेहतरीन रचना:-)
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है।
जवाब देंहटाएंचर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्टस पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं....
आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
धर्मयुद्ध का नायक जन्मे,
जवाब देंहटाएंगर्वित ह
र गोकुल ग्वाला.
एक ख़ास लय - ताल गेयता और प्रवाह लिए है यह गीत कुछ इस तरह -
धरती धरती परबत परबत गाता जाए बंजारा ,
लेकर दिल का एक तारा .
अन्याय पर बांह न फ़ड़के,
जवाब देंहटाएंउसकी बेकार जवानी है.
संतति ऐसी नहीं जनेगी,
अब जननी ने ठानी है.
बहुत ही सुन्दर रचना है!!
सादर
सार्थक सोच !
जवाब देंहटाएंअन्याय पर बांह न फ़ड़के,
जवाब देंहटाएंउसकी बेकार जवानी है.
संतति ऐसी नहीं जनेगी,
अब जननी ने ठानी है.
बहुत सुंदर भाव.....शुभकामनाएं ।
कहा बुद्ध ने स्वयं दीप बन,
जवाब देंहटाएंपथ पर निर्भय बढ़ते जाना.
रुकना नहीं सत्य किरण बन,
तम अमावस का हरते जाना....
ओज़स्वी ... भारत भूमि में जन्में शीर्ष प्रेरणा के जनक ऐसी प्रेरणा भरी बातें करते आये हैं .. उन्ही का मार्ग उत्तम है ... बहुत ही भावपूर्ण रचना ...
रुकना नहीं सत्य किरण बन,
जवाब देंहटाएंतम अमावस का हरते जाना....
बहुत सुंदर रचना....
सादर।
mamma yaad aa gai...sundar rachna
जवाब देंहटाएंप्यार करो तुम जननी को,
जवाब देंहटाएंस्वर्गिक सुख दिखलाएगी.
सुन्दर पोस्ट ....
जवाब देंहटाएं♥
कहा बुद्ध ने स्वयं दीप बन,
पथ पर निर्भय बढ़ते जाना.
रुकना नहीं सत्य किरण बन,
तम अमावस का हरते जाना.
आये फिर से बीच हमारे,
दशरथ वचन निभाने वाला,
जन्मे राम जनहित खातिर,
वन गमन जो करने वाला.
धर्मयुद्ध का नायक जन्मे,
गर्वित हर गोकुल ग्वाला.
जमुना तट पर गूंजे बंसी,
राधा का मन हो मतवाला.
सुंदर भाव ! सुंदर गीत !
आदरणीया संध्या जी
सस्नेह अभिवादन !
कौन करेगा उजियारा...? रचना पढ़ कर बहुत अच्छा लगा … आभार !
शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
जिसने बनाया ये जहान
जवाब देंहटाएंवही करेगा उजियारा भी
छंटेगे तमस के बादल
भागेगा ये अंधियारा भी
उसके आलोक में होगा
प्रशस्त मार्ग जीवन का
राही मंजिल पा जाएगा
मार्ग मिलेगा जीवन का
prabhavi rachna
जवाब देंहटाएंठोकर खाकर गिरे अगर,
जवाब देंहटाएंमात तुम्हे सहलाएगी.
प्यार करो तुम जननी को,
स्वर्गिक सुख दिखलाएगी...bahut hi acchi prastuti...sandhya jee...
bhavuk rachna ati sundar !
जवाब देंहटाएंआप अच्छी कविता लिखती है,कोमल संवेदनाओं से भरपुर, कृपया देहात की नारी ब्लॉग के लिए भी लि्खिए,आग्रह है आपसे-------देहात की नारी का आगाज ब्लॉग जगत में
जवाब देंहटाएंSUNDAR RACHNA MAA KI MAHIMA KO GATI HUI.AABHAR
जवाब देंहटाएंLIKE THIS PAGE ON FACEBOOK AND WISH OUR INDIAN HOCKEY TEAM ALL THE BEST FOR LONDON OLYMPIC ...DO IT !
भ्रष्ट हुआ हर दीप सलोना,
जवाब देंहटाएंअब कौन करेगा उजियारा.
बहुत प्यारी रचना ...आभार आपका !
बहुत सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!!
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