मंगलवार, 19 फ़रवरी 2013

पगडंडी खुशियों की... संध्या शर्मा

राह न मिली
खुशियों की
तो क्या/ देखो न
ये पगडंडियाँ भी
वहीँ तक जाती हैं
चुन लेंगे कोई एक
सोंधी सोंधी
माटी की खुश्बू 
से महकती
नन्ही-नन्ही
झाड़ियों से भरी
पगडंडी
गुनगुनाते हुए कोई
प्यारा सा
भूला बिसरा गीत
बढ़ते कदम
पहुँच ही जायेंगे
खुशियों तक
पगडंडी ही
कल का
महामार्ग है
.......

21 टिप्‍पणियां:

  1. छोटे -छोटे कार्य करते रहना ही एक दिन बड़े मुकाम तक पहुचने की मंजिल है

    Recent Post दिन हौले-हौले ढलता है,

    जवाब देंहटाएं
  2. गुनगुनाते हुए कोई
    प्यारा सा
    भूला बिसरा गीत
    बढ़ते कदम
    पहुँच ही जायेंगे
    खुशियों तक
    पगडंडी ही
    कल का
    महामार्ग है...
    गजब का विश्वास खुबसूरत हौसला

    जवाब देंहटाएं
  3. छोटी छोटी खुशियाँ पगडंडियों से ही मिलती हैं .... सुंदर रचना

    जवाब देंहटाएं
  4. ये छोटी-छोटी पगडंडियाँ ही बड़ी-बड़ी खुशियों के दीर्घ मार्ग को प्रशस्त कर देती हैं ! बहुत सुन्दर आस जगाती सुकोमल सी रचना !

    जवाब देंहटाएं
  5. गीतों से भरी नन्हीं नन्हीं पगडण्डीयां एक सुकून हैं

    जवाब देंहटाएं
  6. बड़ी प्यारी चाह है संध्याजी ...

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह ... खुशियों की पगडंडी सुकून भरे रास्‍ते का सच

    बेहतरीन

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत ही सुन्दर एवं प्यारी सी कविता.

    जवाब देंहटाएं
  9. पगडण्डी देखती है आते जातों को मूक तपस्वी सी ... सब को रह दिखाती है खुशियों की ,,,
    भावपूर्ण रचना ....

    जवाब देंहटाएं
  10. गुनगुनाते हुए कोई
    प्यारा सा
    भूला बिसरा गीत
    बढ़ते कदम
    पहुँच ही जायेंगे
    खुशियों तक
    ------------------
    बेशक एक सुन्दर और नैसर्गिक भाव ..

    जवाब देंहटाएं
  11. कविता के भाव एवं शब्द का समावेश बहुत ही प्रशंसनीय है

    हर शब्द शब्द की अपनी अपनी पहचान बहुत खूब

    बहुत खूब

    मेरी नई रचना

    खुशबू

    प्रेमविरह

    जवाब देंहटाएं
  12. पगडंडी ही
    कल का
    महामार्ग है.......

    वाह! जीवन जीने का सुंदर सूत्र..

    जवाब देंहटाएं
  13. जज्बात और ख्वाहिशात को सही लफ़्ज़ों में ढाला है।

    जवाब देंहटाएं
  14. ये महामार्ग ही मंजिल तक ले जाता है..

    जवाब देंहटाएं
  15. ये सोचते हुए कि ...कोई राह तो अपनी होगी .......बहुत खूब

    जवाब देंहटाएं