पगडंडी खुशियों की... संध्या शर्मा
राह न मिली
खुशियों की
तो क्या/ देखो न
ये पगडंडियाँ भी
वहीँ तक जाती हैं
चुन लेंगे कोई एक
सोंधी सोंधी
माटी की खुश्बू
से महकती
नन्ही-नन्ही
झाड़ियों से भरी
पगडंडी
गुनगुनाते हुए कोई
प्यारा सा
भूला बिसरा गीत
बढ़ते कदम
पहुँच ही जायेंगे
खुशियों तक
पगडंडी ही
कल का
महामार्ग है.......
छोटे -छोटे कार्य करते रहना ही एक दिन बड़े मुकाम तक पहुचने की मंजिल है
जवाब देंहटाएंRecent Post दिन हौले-हौले ढलता है,
हौसला जगाती सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएं:-)
गुनगुनाते हुए कोई
जवाब देंहटाएंप्यारा सा
भूला बिसरा गीत
बढ़ते कदम
पहुँच ही जायेंगे
खुशियों तक
पगडंडी ही
कल का
महामार्ग है...
गजब का विश्वास खुबसूरत हौसला
सुन्दर कविता।
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंछोटी छोटी खुशियाँ पगडंडियों से ही मिलती हैं .... सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंये छोटी-छोटी पगडंडियाँ ही बड़ी-बड़ी खुशियों के दीर्घ मार्ग को प्रशस्त कर देती हैं ! बहुत सुन्दर आस जगाती सुकोमल सी रचना !
जवाब देंहटाएंगीतों से भरी नन्हीं नन्हीं पगडण्डीयां एक सुकून हैं
जवाब देंहटाएंवहा वहा क्या बात है
जवाब देंहटाएंमेरी नई रचना
प्रेमविरह
एक स्वतंत्र स्त्री बनने मैं इतनी देर क्यूँ
बड़ी प्यारी चाह है संध्याजी ...
जवाब देंहटाएंवाह ... खुशियों की पगडंडी सुकून भरे रास्ते का सच
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
umda abhivyakti,,, Badhai
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर एवं प्यारी सी कविता.
जवाब देंहटाएंपगडण्डी देखती है आते जातों को मूक तपस्वी सी ... सब को रह दिखाती है खुशियों की ,,,
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण रचना ....
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
गुनगुनाते हुए कोई
जवाब देंहटाएंप्यारा सा
भूला बिसरा गीत
बढ़ते कदम
पहुँच ही जायेंगे
खुशियों तक
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बेशक एक सुन्दर और नैसर्गिक भाव ..
कविता के भाव एवं शब्द का समावेश बहुत ही प्रशंसनीय है
जवाब देंहटाएंहर शब्द शब्द की अपनी अपनी पहचान बहुत खूब
बहुत खूब
मेरी नई रचना
खुशबू
प्रेमविरह
पगडंडी ही
जवाब देंहटाएंकल का
महामार्ग है.......
वाह! जीवन जीने का सुंदर सूत्र..
जज्बात और ख्वाहिशात को सही लफ़्ज़ों में ढाला है।
जवाब देंहटाएंये महामार्ग ही मंजिल तक ले जाता है..
जवाब देंहटाएंये सोचते हुए कि ...कोई राह तो अपनी होगी .......बहुत खूब
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