वक़्त कल तुमसे हिसाब मांगेगा
सुलगते सवालों का जवाब मांगेगा
क्यों बैचैन हो गया है बचपन
क्यों है जवानों के चहरे पर उलझन
क्यों खनकते नहीं बाँहों में कंगना
क्यों पलाश फूलते नहीं अंगना
क्यों हो रहा है हर तरफ भेदभाव
क्यों है भाई का भाई से मनमुटाव
क्यों किसान आत्महत्या कर रहा है
क्यों आदमी - आदमी से डर रहा है
क्यों हर तरफ आतंक का शोर है
क्यों वैर नफरत चहुँ ओर है .
क्यों आज हर फिजा वीरान है
क्यों धरती बनी शमशान है
क्यों सत्ता के लिए लड़ी जा रही है जंग
क्यों है आदमी का आदमी से , मोहभंग
क्यों आज हर तरफ हवा जहरीली है
क्यों प्रकृति में आई यह तबदीली है
क्यों इंसान भूख से मर रहे हैं
क्यों गरीब के सपने बिखर रहे हैं
क्यों बेटियाँ जलाई जा रहीं हैं
क्यों विधवाएं तडपायी जा रहीं हैं
क्यों क़ानून हमारे कमजोर हैं
क्यों भ्रष्टाचार फैला पुरजोर है
अगली पीढ़ी तुमसे मांग रही है हिसाब
क्या तुम दे सकोगे ऐसे सवालों के जबाब ?
कोई नहीं देगा जवाब ... क्योंकि गुनहगार तो सब हैं
जवाब देंहटाएंबेहद गहरे अर्थों को समेटती
जवाब देंहटाएंजीवन के कटु सत्य को बहुत ही मर्मस्पर्शी ढंग से उकेरा है
.....पर इन सवालों के जबाब कोई नहीं देगा
अगली पीढ़ी को भी यही सवाल विरासत में मिलेंगी.. ओजपूर्ण..प्रभावी लिखा है
जवाब देंहटाएंक्यों हर तरफ आतंक का शोर है
जवाब देंहटाएंक्यों वैर नफरत चहुँ ओर है .
क्यों आज हर फिजा वीरान है
क्यों धरती बनी शमशान है
आपने ऐसे ऐसे प्रश्न उठायें जिनका जवाब शायद ही किसी के पास हो...अगर जवाब ही होता तो शायद ये प्रश्न ही न उठते...
नीरज
sach kaha jawab nahi hain
जवाब देंहटाएंaur aane vale samay ka sach hain ye
बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
जवाब देंहटाएंजवाब कोई एक अकेला दे ही नहीं सकता।
जवाब देंहटाएंगणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
संध्या जी,....
जवाब देंहटाएंबुरा जो देखन मै चला
बुरा न मिलियो कोय
जो दिल खोजहु आपना
मुझसे बुरा न कोय,.....
गुनाहगार सब है जबाब कौन देगा
बहुत सुंदर प्रस्तुति,भावपूर्ण अच्छी रचना,..
WELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....
विचारणीय प्रश्न ....प्रभावित करते भाव....
जवाब देंहटाएंशायद ही कोई इन सवालों को जवाब दे सके।
जवाब देंहटाएंमौजूदा दौर की व्यवस्थाओं पर तीखे सवाल।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं....
जय हिंद...वंदे मातरम्।
बहुत अच्छे प्रश्न उठाये हैं आपने, आपके प्रश्नों
जवाब देंहटाएंसे मेरी पूर्णतः सहमति है।
कविता ने प्रश्नों को रोचकता प्रदान कर दी।
कविता निश्चित ही बधाई के योग्य।
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क्या यही गणतंत्र है
बोल मनमोहन सिंह बोल
जवाब देंहटाएंसंध्या जी प्रश्न हैं अनमोल
In sab baton ka jawaab aasaan nahi hai kisi ko bhi dena ... gahri baaten hai aapki rachna mein ...
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की शुभकामनायें ...
इन सवालों के जवाब हम सभी को तलाशने हैं...
जवाब देंहटाएंसवालो में डूबी शानदार पोस्ट और चित्रों का समागम भी सुन्दर है|
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