हर साल जलाते हो जिसको,
हर साल जन्म ले लेता है.
कद छोटा नहीं होता जिसका,
दिनों दिन बढता जाता है.
आ जाता है रूप बदलकर,
हर साल जन्म ले लेता है.
कद छोटा नहीं होता जिसका,
दिनों दिन बढता जाता है.
आ जाता है रूप बदलकर,
देखो अब भी ज़िन्दा है.
माया, मोह, अहंकार, क्रोध बन,
रहता सबके अन्दर है.
अपने अन्दर का राम जगाओ,
राम राज्य फिर वापस लाओ.
रावण की सच्चाई जानो,
मन के भीतर का रावण मारो.
रावण ने ही राम मिलाये,
हेतु वही था जो धरा पर आये.
ये सतयुग की सच्चाई है,
पर आज जहाँ पर छाई है....
"काश कि फिर मर जाये रावण,
हो जाये फिर से धरती पावन..."
विजय पर्व "विजयादशमी" पर आप सभी को ढेर सारी शुभकामनायें... संध्या शर्मा
माया, मोह, अहंकार, क्रोध बन,
रहता सबके अन्दर है.
अपने अन्दर का राम जगाओ,
राम राज्य फिर वापस लाओ.
रावण की सच्चाई जानो,
मन के भीतर का रावण मारो.
रावण ने ही राम मिलाये,
हेतु वही था जो धरा पर आये.
ये सतयुग की सच्चाई है,
पर आज जहाँ पर छाई है....
"काश कि फिर मर जाये रावण,
हो जाये फिर से धरती पावन..."
विजय पर्व "विजयादशमी" पर आप सभी को ढेर सारी शुभकामनायें... संध्या शर्मा
बहुत सुन्दर...विजयादशमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना ...हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंसटीक बात ... अंदर के रावण को मारना होगा ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्रेरणा दायक विचार !!!
जवाब देंहटाएंविजय पर्व "विजयादशमी" पर आप सभी को ढेर सारी शुभकामनायें..
काश यह सच हो जाये , बहुत सुंदर रचना ,आभार
जवाब देंहटाएंबढिया प्रस्तुति.....
जवाब देंहटाएंअब तक रामायण की करोडों प्रतियां छप चुकी हैं और बिक चुकी हैं पर अफसोस कि दूसरा राम पैदा नहीं हुआ.. पर रावणों की संख्या बढती ही जा रही है.....
असत्य पर सत्य की जीत के पर्व दशहरा की शुभकामनाएं.....
रावण जुग जुग की सच्चाई है
जवाब देंहटाएंविजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए रावण को ख़त्म होना ही चाहिए. अतिसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंकाश कि ऐसा हो जाए !
जवाब देंहटाएंविजयदशमी की बहुत शुभकामनायें !
umda rachna. Aapko dussehra ki shubhkamnayen.
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्रेरणा दायक विचार|
जवाब देंहटाएंविजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
रावण क्यूँ जले ? कभी जल भी नहीं सकेगा रावण , क्योंकि उसने एक दृश्य उपस्थित किया था सत्य का - रावण ने सीता के साथ कुछ भी नहीं किया - उसने तो बस परोक्ष का सत्य सामने किया
जवाब देंहटाएंकुछ तो परिवर्तन लाओ युवा क़दमों - रावण क्या सच में बुराई का प्रतीक है? यदि यह सत्य होता तो खुद के नाश यज्ञ की पूजा वह खुद नहीं संपन्न करवाता !
विजय दशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंसादर
रामे चित्तलयति भवतु भो राम मामुद्धर!!
जवाब देंहटाएंविजय-पर्व की मंगलकामनाएं...
mam sab ravan dhire dhire mare hi jayenge jab inke paap ka ghada bhar jayega..
जवाब देंहटाएंachi rachna..
jai hind jai bharat
बढ़िया प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंविजयादशमी की सादर बधाइयां...
रावन तो तब मरे ,जब अपने अन्दर राम जागृत करें
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति .साधुवाद जी
बहुत सुन्दर और सटीक रचना लिखा है आपने ! बेहतरीन प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को दशहरे की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
kadwa sach bayan karti hai aapki yah rachna
जवाब देंहटाएंnice post.....same to you.
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा पोस्ट । आपका मेरे पोस्ट पर इंतजार रहेगा ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ।.
सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनायें.
काश की मर जाए रावण हमेशा-हमेशा के लिए...आपकी वाणी और हम सब की आकांक्षा पूर्ण हो. शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुती.
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को दशहरे की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें .
सार्थक चिंतन,सुंदर अभिव्यक्ति .शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंबहुत रावण पैदा हो चुके हैं संध्या जी !
जवाब देंहटाएंआसानी से नहीं मरने वाले ....
शुभकामनायें !
सुन्दर और सटीक प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंदेर से ही सही
दशहरे की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें ......!