सब कुछ बदल जाता है दुनिया, अपने, भावनाएं और रिश्ते वक़्त के साथ बदल जाता है वर्तमान भविष्य में और भविष्य बन जाता है भूत वक़्त के साथ गुम हो जाते हैं दुनिया में अपने अपनों में भावनाएं और बदल जाते है रिश्ते...
वक़्त हममें बदलाव तो करता ही है, पर बदलाव किस दिशा में हो यह हमारी चाहत और उस ओर किये गए प्रयत्न पर भी निर्भर करता है. वक़्त का अहसास कराती आपकी प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी. आभार.
parivartan hi prakiti ka niyam hai...yahi shaswat hai...main aapke blog se jud raha hoon aaur mujhe bhi aas hai aapke apne blog se judne ki...hardik badhayee
वक़्त हममें बदलाव तो करता ही है, पर बदलाव किस दिशा में हो
जवाब देंहटाएंयह हमारी चाहत और उस ओर किये गए प्रयत्न पर भी निर्भर करता है.
वक़्त का अहसास कराती आपकी प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी.
आभार.
बेशक अच्छी एवँ भावपूर्ण कविता !!!
जवाब देंहटाएंसबसे बडा वक्त ही होता है.....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन और भावयुक्त रचना।
हूँ...तभी कहते हैं की वक्त बड़ा बलवान..... सुंदर पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंवक्त ही रिश्तों की सही पहचान करा देता है ...
जवाब देंहटाएंसत्य वचन!
waqt yun hi nirantar chalta hai
जवाब देंहटाएंइसी को कहते हैं-वक़्त वक़्त की बात
जवाब देंहटाएंसुंदर पंक्तियाँ....
जवाब देंहटाएंparivartan hi prakiti ka niyam hai...yahi shaswat hai...main aapke blog se jud raha hoon aaur mujhe bhi aas hai aapke apne blog se judne ki...hardik badhayee
जवाब देंहटाएंसघन चिंतन....
जवाब देंहटाएंसार्थक अभिव्यक्ति...
सादर...
सटीक चिंतन ..वक्त के साथ सब कुछ बदलता रहता है ..
जवाब देंहटाएंवास्तव में वक्त के साथ बहुत कुछ बदल जाता है।
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना।
आपकी कविताओं में गहरी अभिव्यक्ति है संध्या जी, धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंतभी तो कहा है वक्त बड़ा बलवान ... उसके आए कोई नहीं होता ..
जवाब देंहटाएंbahut hi achhi baat aapne batai hai. shukriya
जवाब देंहटाएंवक़्त के साथ
जवाब देंहटाएंसब कुछ बदल जाता है
दुनिया, अपने, भावनाएं
और रिश्ते
......वक्त के साथ बहुत कुछ बदल जाता है। वक्त ही सबको सही पहचान करा देता है
सुंदर और सटीक पंक्तियाँ....शानदार रचना.....संध्या जी
जवाब देंहटाएं