सोमवार, 27 जुलाई 2015

सुप्रभात...

किरणों का साथ पाकर
जीना सीखती आशाएँ 
मानो उड़ना चाहती हैं
क्षितिज के भी उस पार
अजब सुर्ख एहसास से 
जाग उठी सुबह के साथ..... 

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