बिरज में आज होली रे भाई
सखियों संग नाचे रे राधिका
खेलत फाग अबीर हिलमिल
ग्वालन संग कुवंर कन्हाई
बिरज में आज होली रे भाई …
बाजत ताल मृदंग झांझ डफ
बाजत ताल मृदंग झांझ डफ
मंजीरा संग गुंजत शहनाई
उड़त गुलाल लाल भए बदरा
भई केसर रंग की छिड़काई
बिरज में आज होली रे भाई …
अबीर गुलाल हाथ पिचकारी
अबीर गुलाल हाथ पिचकारी
गोपियाँ केसर रंग घोल लाईं
पड़ गओ पाला रे नंदलाल से
पड़ गओ पाला रे नंदलाल से
झमकत टेसू रंग अबीर उड़ाई
बिरज में आज होली रे भाई …
लाल हरा गुलाबी रे सतरंगी
लाल हरा गुलाबी रे सतरंगी
नव कुसुम नव पल्लव फूले
मुस्कावे मुख निरख-निरख
कैसे न होवे फ़िर यहाँ ढिठाई
बिरज में आज होली रे भाई …
इत भीजे पीलो पीताम्बर
इत भीजे पीलो पीताम्बर
उत भीजे नवरंगी लहंगा
धनक पहन फिरे लहरिया
मानो इंदर ने झड़ी लगाई
बिरज में आज होली रे भाई …
श्याम रंग में रंगो वृंदावन
श्याम रंग में रंगो वृंदावन
भेदभाव के टूटे सारे बंधन
झूमें न्यारो अम्बर घन घन
दुवार दुवार पे बजत बधाई
बिरज में होली खेले कन्हाई …
आपको और आपके परिवार को होली की ढेर सारी शुभकामनाएं
इत भीजे पीलो पीताम्बर
जवाब देंहटाएंउत भीजे नवरंगी लहंगा
धनक पहन फिरे लहरिया
मानो इंदर ने झड़ी लगाई
बिरज में आज होली रे भाई …
वाह...बहुत सुन्दर...
आपको और आपके परिवार को होली की शुभकामनाएं....
सतरंगा जीवन हो!!
सस्नेह
अनु
शुभकामनायें ..... बहुत भावमयी और सुंदर रचना है ....
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना ... होली कि बात और कान्हा का जीके न हो ऐसा हो नहीं सकता ..
जवाब देंहटाएंबधाई होली कि ...
आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंबिरज में होरी कि धूम मचाई ....बहुत सुंदर ...
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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