सरकारी अस्पताल की
खाली कुर्सी देख कर
उठा एक सवाल
नेता - अफसर ही क्यों
काट रहे बवाल
इनको भी तो अपना-अपना
सुनहरा कल गढ़ना है
जो नारों पे जीते हैं
उन्हे नेता बनना है
सामने की कुर्सी मंत्री की
पीछे पर अफसर को जमना है
चोर-चोर मौसेरे भाईयों को
मिल-जुल जन धन हड़पना है
जनसेवा के नाम पर
नेता मांगता फ़िरे है वोट
जन कल्याण के नाम पर
अफसर बटोर रहे हैं नोट
फिर यह डॉक्टर ??
नेता - अफ़सर का युग्म
सामने की कुर्सी खाली रख
जनता को लुभाता है
पीछे की कुर्सी पर बैठ
कल सुनहरा बनाता है
देश का हर नागरिक
इनसे कुछ गुण अगर सीखे
तो देश को कभी सुनहरे कल की
चिंता नहीं सताएगी
हर नागरिक पीछे की कुर्सी से
जनकल्याण बटोरेगा
सामने की कुर्सी नेता को
'जनसेवा' खातिर
खाली मिल जाएगी….
खाली कुर्सी देख कर
उठा एक सवाल
नेता - अफसर ही क्यों
काट रहे बवाल
इनको भी तो अपना-अपना
सुनहरा कल गढ़ना है
जो नारों पे जीते हैं
उन्हे नेता बनना है
सामने की कुर्सी मंत्री की
पीछे पर अफसर को जमना है
चोर-चोर मौसेरे भाईयों को
मिल-जुल जन धन हड़पना है
जनसेवा के नाम पर
नेता मांगता फ़िरे है वोट
जन कल्याण के नाम पर
अफसर बटोर रहे हैं नोट
फिर यह डॉक्टर ??
नेता - अफ़सर का युग्म
सामने की कुर्सी खाली रख
जनता को लुभाता है
पीछे की कुर्सी पर बैठ
कल सुनहरा बनाता है
देश का हर नागरिक
इनसे कुछ गुण अगर सीखे
तो देश को कभी सुनहरे कल की
चिंता नहीं सताएगी
हर नागरिक पीछे की कुर्सी से
जनकल्याण बटोरेगा
सामने की कुर्सी नेता को
'जनसेवा' खातिर
खाली मिल जाएगी….
भेड़ पर ऊन कोई नहीं छोड़ता। जनता को जनकल्याण (लुट्ने-पिटने) के लिए ही है। फ़्रिर चाहे किसी का भी दांव लग जाए। नेता-अफ़सर या हो डॉक्टर।धारदार व्यंग्य काव्य।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया कटाक्ष.....
जवाब देंहटाएंसस्नेह
अनु
अफसर और नेता की रोजी रोटी जनता ही है ,,,
जवाब देंहटाएंसटीक कटाक्ष ......
नवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनायें-
RECENT POST : पाँच दोहे,
सही कटाक्ष है ...
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना की ये चन्द पंक्तियाँ.........
जवाब देंहटाएंनेता - अफ़सर का युग्म
सामने की कुर्सी खाली रख
जनता को लुभाता है
पीछे की कुर्सी पर बैठ
कल सुनहरा बनाता है
बुधवार 09/10/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
को आलोकित करेगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!
एकदम सटीक ..... बहुत बढ़िया लिखा है
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़ियाँ कटाक्ष किया है..
जवाब देंहटाएंयही तो हाल है...बेहतरीन रचना...
:-)
करार व्यंग है ... मज़ा आ गया ...
जवाब देंहटाएंएकदम निशाने पर तीर लगा..
जवाब देंहटाएंbilkul sahi kaha
जवाब देंहटाएंअच्छे और सच्चे प्रयास की बधाई।
जवाब देंहटाएंबढ़िया कटाक्ष.********
जवाब देंहटाएं