हर बार..........
जब भी कुछ लिखने बैठती हूँ
बहुत कोशिश करती हूँ
तुमको ना लिखूं
फिर भी आ ही जाते हो
तुम कहीं ना कहीं से
तुम्हारे आते ही
छाने लगते है
भावों के मेघ
बरसने लगती हैं,
सुन्दर शीतल
शब्दों की बूँदें
धीरे से इनमे समाकर
दे जाते हो मेरे सूखे शब्दों को
हरियाला सावन
मेरे जीवन के मेघदूत
मेरे कालिदास...
जब भी कुछ लिखने बैठती हूँ
बहुत कोशिश करती हूँ
तुमको ना लिखूं
फिर भी आ ही जाते हो
तुम कहीं ना कहीं से
तुम्हारे आते ही
छाने लगते है
भावों के मेघ
बरसने लगती हैं,
सुन्दर शीतल
शब्दों की बूँदें
धीरे से इनमे समाकर
दे जाते हो मेरे सूखे शब्दों को
हरियाला सावन
मेरे जीवन के मेघदूत
मेरे कालिदास...
बेहद उम्दा बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंभावों के मेघ
बरसने लगती हैं,
सुन्दर शीतल
शब्दों की बूँदें
धीरे से इनमे समाकर
दे जाते हो मेरे सूखे शब्दों को
हरियाला सावन
मेरे जीवन के मेधदूत
मेरे कालिदास...
बहुत सुन्दर और सहज अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंसस्नेह
अनु
waah ...bahut acchi abhiwayakti ...
जवाब देंहटाएंखुबसूरत भाव और प्यारे से
जवाब देंहटाएंअहसास लिए बहुत ही प्यारी रचना.....
मनभावन....
:-)
खुबसूरत भाव और प्यारे से
जवाब देंहटाएंअहसास लिए बहुत ही प्यारी रचना.....
मनभावन....
:-)
सरल शब्दों में सुंदर अभिव्यक्ति के लिये सस्नेह दिल से बधाई,,,,संध्या जी,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST:..........सागर
विद्या की अधिष्ठात्री
जवाब देंहटाएंमाँ वीणा पाणि
स्वयं समाई हुई रहती हैं
रचनाकारों के मन मंदिर में
मन के भाव प्रकट होते हैं
कविता के रूप में, अमर है
कविता का पर्याय बन
कवि कालिदास ....
बन जाएँ जब जीवन के
मेघदूत ...क्यों न बने भावों
के मेघ! संध्याजी आपकी
सुन्दर रचना, जिनकी पंक्तियाँ
...."छाने लगते है
भावों के मेघ
बरसने लगती हैं,
सुन्दर शीतल
शब्दों की बूँदें .."
हैं इसका साक्ष्य
बहुत ही खूबसूरत रचना ....
बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं
यक्ष संदेश सुप्रिया तक
जवाब देंहटाएंमेघदूत ले जाता साथ
झूम झूमके छाता मेघ
हर्षित होवत कालीदास
मेघदूत..कालीदास..वाह! इन शब्दों में गज़ब का चमत्कार है।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंसरल...सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसंध्या जी बहुत सुंदर रचना,
जवाब देंहटाएंआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 08 - 11 -2012 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं.... आज की नयी पुरानी हलचल में ....
सच ही तो है .... खूँटे से बंधी आज़ादी ..... नयी - पुरानी हलचल .... .
सुन्दर शीतल अहसास भरती शब्दों की बूँदें..
जवाब देंहटाएंis se badh kar aur kya chaahiye.
जवाब देंहटाएंविचारों के मेघों को बड़ी ख़ूबसूरती से परिभाषित किया
जवाब देंहटाएंकितनी सरलता से बोल गयी आपकी कलम.... अपना स्त्रोत...:) ~बहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएं~सादर !
उम्दा भाव
जवाब देंहटाएंवाह बेहद खूबसूरत अहसास ........लेखनी पर भरी पड़ते दिल के ये अहसास :)))
जवाब देंहटाएंदे जाते हो मेरे सूखे शब्दों को
जवाब देंहटाएंहरियाला सावन
मेरे जीवन के मेधदूत
मेरे कालिदास...
खूबसूरत अहसास
aap kitani saralta se sab likhati hai ,bahut badhiya
जवाब देंहटाएंखूबसूरती से लिखे एहसास .... सुंदर भाव संयोजन .... मेधदूत को मेघदूत कर लें ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव... http://www.kuldeepkikavita.blogspot.com पर आना।
जवाब देंहटाएंजी हां ऐसा ही कुछ होता है.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना.
बहुत ही सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंमेरे जीवन के मेघदूत, मेरे कालिदास ।
जवाब देंहटाएंवाह ।
sundar rachna..
जवाब देंहटाएंअभिव्यक्ति का यह अंदाज निराला है आनंद आया पढ़कर.... अद्भुत अहसास
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ..
जवाब देंहटाएं