अब हँसने और मुस्कुराने के दिन हैं,
ये तो मेरे महबूब के आने के दिन हैं.
देखो मीर ओ ग़ालिब दे रहे हैं सदा,
गीत-औ-ग़ज़ल गुनगुनाने के दिन हैं.
चश्म-ए-नम से कहो आंसू न गिराएं,
ये दरया-ए-मोहब्बत बहाने के दिन हैं.
उस शब-ए-हिज्र से है नाता ही कैसा,
अब तो रंगीन सपने सजाने के दिन हैं.
खुशकिस्मती बहारों की बनी हमसफ़र,
दोनों हाथों से खुशियाँ लुटाने के दिन हैं.
रफ्ता-रफ्ता वो मेरा खुदा बन गया हैं,
सजदे में उसके सिर झुकाने के दिन हैं.
रची उत्कृष्ट |
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच की दृष्ट --
पलटो पृष्ट ||
बुधवारीय चर्चामंच
charchamanch.blogspot.com
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जवाब देंहटाएंखुशकिस्मती बहारों की बनी हमसफ़र,
जवाब देंहटाएंदोनों हाथों से खुशियाँ लुटाने के दिन हैं.
बहुत ही बढ़िया
सादर
khoosoorat ghazal!
जवाब देंहटाएंमहबूब पर बहारें लुटाने के दिन हैं
जवाब देंहटाएंअब्बू की लुटिया डूबाने के दिन हैं
गजल कविता तो हैं खूब ही कही
किस्से - कहानी सुनाने के दिन हैं
मुहब्बत में हुआ है घाटा ही घाटा
फ़िर से करजा चढाने के दिन हैं।
दरोगा खफ़ा, सिपाही भी जालिम
मुहब्बत में हवाखाने के दिन हैं
हलवाई से जब से हुई है दोस्ती
अबके लड्डू पेड़े खाने के दिन हैं :)))
रफ्ता रफ्ता दिल ने बहुत कुछ कह दिया ...
जवाब देंहटाएंवाह...वाह...
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत गज़ल...
नाज़ुक से एहसास लिए...
खुशकिस्मती बहारों की बनी हमसफ़र,
जवाब देंहटाएंदोनों हाथों से खुशियाँ लुटाने के दिन हैं.
सुंदर रचना
my resent post
काव्यान्जलि ...: अभिनन्दन पत्र............ ५० वीं पोस्ट.
रफ्ता-रफ्ता वो मेरा खुदा बन गया हैं,
जवाब देंहटाएंसजदे में उसके सिर झुकाने के दिन हैं.
वो किसका है यह कौन जाने कैसे
भरी महफ़िल में शर्माने के दिन हैं
हर कोई कहता मोहब्बत नहीं आसां
अजनबी को अपना बनाने के दिन हैं
यूँ खुदा - खुदा कहता है हर कोई
अब खुदा में समाने के दिन हैं
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंक्या कहने
खुशकिस्मती बहारों की बनी हमसफ़र,
दोनों हाथों से खुशियाँ लुटाने के दिन हैं.
अनुपम भाव संयोजन लिए उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंकल 21/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
... मुझे विश्वास है ...
रफ्ता-रफ्ता वो मेरा खुदा बन गया हैं,
जवाब देंहटाएंसजदे में उसके सिर झुकाने के दिन हैं.
behatrin aur lajawab.....saare sher umda.
रफ्ता-रफ्ता वो मेरा खुदा बन गया हैं,
जवाब देंहटाएंसजदे में उसके सिर झुकाने के दिन हैं.
....बहुत खूब...बेहतरीन प्रस्तुति..
खुशकिस्मती बहारों की बनी हमसफ़र,
जवाब देंहटाएंदोनों हाथों से खुशियाँ लुटाने के दिन हैं.
खूबसूरत एहसास.....
आज आपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आना हुआ. अल्प कालीन व्यस्तता के चलते मैं चाह कर भी आपकी रचनाएँ नहीं पढ़ पाया....बहुत खूबसूरती से व्यक्त किये हैं जज़्बात.
जवाब देंहटाएंआनंद देती प्यारी गज़ल। हमारी भी बधाई स्वीकार करें।
जवाब देंहटाएंBAHUT ACHCHHI PRASTUTI .AABHAR
जवाब देंहटाएंtoofan tham lete hain
रफ्ता-रफ्ता वो मेरा खुदा बन गया हैं,
जवाब देंहटाएंसजदे में उसके सिर झुकाने के दिन हैं...........
बहुत ही बढ़िया दिन हैं.
चर्चा-मंच के लिंक के लिए
जवाब देंहटाएंसंकेत देने की कोशिश भर है |
आप को बुरा लगा इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ |
पहली नजर में पढने के बाद जो समझ में आया है आपकी
गजल का अर्थ वही तुरंत लिखा है |
भूल-चूक माफ़ |
मन करें साफ़ ||
ये तो मेरे महबूब के आने के दिन हैं.
जवाब देंहटाएंये दरया-ए-मोहब्बत बहाने के दिन हैं
खुशकिस्मती बहारों की बनी हमसफ़र,
दोनों हाथों से खुशियाँ लुटाने के दिन हैं.
अब तो रंगीन सपने सजाने के दिन हैं
गीत-औ-ग़ज़ल गुनगुनाने के दिन हैं
रफ्ता-रफ्ता वो मेरा खुदा बन गया हैं,
जवाब देंहटाएंसजदे में उसके सिर झुकाने के दिन हैं.
हमें अहसास ही नहीं होता कब और क्योंकर कोई हमारे जीवन का एक अहम् हिस्सा बन जाता है की सारी कायनात उसीमें वाबस्ता हो जाती है ..बहुत खूब !
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जवाब देंहटाएंsunderta ke saath likhi hui ......
जवाब देंहटाएंपिछले कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ...
जवाब देंहटाएंइस खूबसूरत ग़ज़ल के लिए ढेरों दाद कबूल करें..
नीरज
खुशकिस्मती बहारों की बनी हमसफ़र,
जवाब देंहटाएंदोनों हाथों से खुशियाँ लुटाने के दिन हैं....
बहुत खूब ... लाजवाब शेर ... बहारें हम सफर बन जाएँ तो जीवन आसान हो जाता है ..
रफ्ता-रफ्ता वो मेरा खुदा बन गया हैं,
जवाब देंहटाएंसजदे में उसके सिर झुकाने के दिन हैं.
क्या बात है। बहुत उम्दा शेर । पूरी ग़ज़ल बहुत खूबसूरत है। खूबसूरत अहसास व अल्फाज़ दोनों नेमतों से मालामाल हैं आप तो। वाह, क्या खूब अंदाज़े-बयाँ है!
रफ्ता-रफ्ता वो मेरा खुदा बन गया हैं,
जवाब देंहटाएंसजदे में उसके सिर झुकाने के दिन हैं.
....... बहुत ही कमाल का शेर...बहुत खूब!
bahot achchi lagi......
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव ...
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर रचना :-)
सुनकार अशार... वाह!
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...