शनिवार, 15 अगस्त 2015

तस्वीर सच्चे भारत की ...

आज का दिन हमें अमर शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष व बलिदान की याद दिलाता है। हमें आत्मचिन्तन करने तथा महान देशभक्तों के सपनों एवं लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है।
स्वतंत्रता प्राप्ति के इतने वर्षों बाद भी, न तो हम भाषा की दृष्टि से आजाद हो पाये हैं और न ही व्यवस्थाओं की दृष्टि से । आज आज़ादी के नाम पर हम अंग्रेजी गुलामी में जी रहे हैं, सभी व्यवस्थाओं का स्वदेशीकरण करना होगा, जो दुर्भाग्य से नहीं हुआ, इस आधी अधूरी आजादी के स्थान पर हमें पूरी आजादी लानी होगी।  जब हम अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठा सकते हैं , सरकार बदल सकते हैं, तो इस दिशा में भी प्रयास क्यों नही?? 
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं ...जय हिन्द



खेत - खलिहान की संगत में संवर जायेंगे 
अपने शहरों को ज़रा गाँव तक लाकर देखो  

खुद बखुद आएगी बचपन की चमक आँखों में 
नाव कागज़ की कभी बारिश में चलाकर देखो

सच्चे भारत की तस्वीर बनाना चाहते हो तो 
दीवार नफरत की एक रोज गिरा कर देखो

मांगते रहोगे तो बस भीख ही मिल पायेगी 
अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाकर देखो ....

7 टिप्‍पणियां:

  1. रचना बहुत अच्छी है लेकिन सरकार बदलने से क्या हुया एक चोर गये दूसरे डाकू आ गये 1 जय हिन्द्1

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  2. बहुत सुंदर रचना, स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ

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  3. बहुत दुन्दर गीत ... आजादी का असल मौन सभी सीखें तो भारत बदल जाएगा ...

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