सोमवार, 24 जून 2013

स्थायित्व पाना है...?... संध्या शर्मा

"बीत गई सो बात गई"
भरोसा न करना
इस कथनी पर
सिर्फ धोखा है
भूतकाल निश्चित
वर्तमान अनिश्चित
भविष्य में क्या होगा
न तुम जानो न हम 
जीवन समन्दर किनारे बने 
वर्तमान रुपी रेत के टीले को
भविष्य रुपी एक लहर 
पल में बदल देगी
समतल मैदान में
कैसे सुरक्षित रखोगे
अपने आप को
इस लहर के आवेग से?
एक दिन.... !
तुम्हे भी भूत होना है
स्थायित्व पाना है...?
वर्तमान के धरातल पर
मजबूती से खड़े होकर
भूतकाल से सीख लेकर
भविष्य की ओर
आशा से निहारो...!

22 टिप्‍पणियां:

  1. मजबूती से खड़े होकर
    भूतकाल से सीख लेकर
    भविष्य की ओर
    आशा से निहारो...!

    बहुत बढ़िया,सुंदर प्रस्तुति,,,

    Recent post: एक हमसफर चाहिए.

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  2. मजबूती से खड़े होकर
    भूतकाल से सीख लेकर
    भविष्य की ओर
    आशा से निहारो...!

    सुंदर प्रस्तुति,,,

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  3. आपकी यह रचना कल मंगलवार (25 -06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

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  4. बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

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  5. बहुत सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति आभार मोदी व् मीडिया -उत्तराखंड त्रासदी से भी बड़ी आपदा
    आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN

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  6. सही कहा । भूतकाल से सीख लेकर ही भविष्य बनाया जा सकता है ।

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  7. भूल काल से ही सिख कर मनुष्य अपना भविष्य सुधार सकता है..अति सुंदर प्रेरणादायी रचना...
    :-)

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  8. आशावादी दृष्टि की स्थायित्व पाना है। भविष्य की अनिश्चितता के बावजूद भी यह दृष्टि जीवन के प्रति सम्मान प्रकट करती है।

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  9. सच कहा है ... भूत से सेकना जरूरी है भविष्य के लिए .... वर्तमान के लिए ...
    आशावादी भाव लिए है रचना ...

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  10. सही कहा आपने अतीत मिटाया नहीं जा सकता उससे सीखा जा सकता है ।

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  11. वर्तमान के धरातल पर
    मजबूती से खड़े होकर
    भूतकाल से सीख लेकर
    भविष्य की ओर
    आशा से निहारो...!

    अद्भुत आवेग खुबसूरत

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  12. गहन अभिव्यक्ति है .....स्थायित्व पाना है तो धरातल से जुड़े रहना होगा .....!!
    बहुत सुंदर रचना ...

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  13. मन को छूती हुई सुंदर अनुभूति
    बेहतरीन रचना
    बधाई

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  14. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  15. बेहद सुन्दर
    जीवन में कुछ पाना है तो भूतकाल से सीख लेना बेहद जरुरी.....

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  16. तुम्हे भी भूत होना है
    स्थायित्व पाना है...?... सुन्दर.

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