मुझे क्या...?
कब मेघ छाये
कब बरखा बरसे
चाहे यक्ष-प्रिया
मेघदूत को तरसे
मैं तो बरखा तब जानूं
जब भावमेघ कालिदास के
उमड़-घुमड़ छाएं
शब्दों की अमृत बूंदें
झूम-झूम बरसे
भर जाये ताल-तलैया
मनभावन रागों की
गीत-ग़ज़ल की
निर्मल सरिता बहे
हरषे जियरा
नाचे मन मोर
लिख दो हरियाली
चहुँ ओर
गाऊं होकर
प्रेम विभोर
छंद कालिदास के
बरसे घनघोर...
कब मेघ छाये
कब बरखा बरसे
चाहे यक्ष-प्रिया
मेघदूत को तरसे
मैं तो बरखा तब जानूं
जब भावमेघ कालिदास के
उमड़-घुमड़ छाएं
शब्दों की अमृत बूंदें
झूम-झूम बरसे
भर जाये ताल-तलैया
मनभावन रागों की
गीत-ग़ज़ल की
निर्मल सरिता बहे
हरषे जियरा
नाचे मन मोर
लिख दो हरियाली
चहुँ ओर
गाऊं होकर
प्रेम विभोर
छंद कालिदास के
बरसे घनघोर...
वाह ...शब्द शब्द में बरखा की फुहार सा आनंद आया
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसादर
वाह.....
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर....
सस्नेह
अनु
बहुत सुन्दर मनभावन प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुंदर.....
जवाब देंहटाएंवाह..
जवाब देंहटाएंकितनी ,कोमल ,सुन्दर रचना...
:-)
बरखा बहार, ह्रदय में प्यार।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी सुंदर प्रस्तुति,,मन को आनन्दित करती रचना,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST: एक दिन
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत भाव..
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गीत-ग़ज़ल की
जवाब देंहटाएंनिर्मल सरिता बहे
हरषे जियरा
नाचे मन मोर
लिख दो हरियाली
bahut sundar sandya ji
जिसमें भींगे सब प्यासा मन..
जवाब देंहटाएंbarkha bhar lekar aai hriday me pyaar ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ,
जवाब देंहटाएंये कोमल भाव आखिर बरस ही गए..
जवाब देंहटाएंवाह .... बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और मनभावन ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंvarsha ke maadhyam se abhivyakti ki sundar prastuti.......sachmuch
जवाब देंहटाएंkafee dino baad is jagat me punah pravesh ...antaraal ke baad pahli tippani....
shubh sandhyaa.....
खूब बरसे भाव के बादल नाच उठा मयूरा मन का .. बहुत सुन्दर कृति
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना.....
जवाब देंहटाएंजब मन भीगे ...तब ही सावन ....सुंदर रचना ...!!शुभकामनायें ....!!
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर रचना , भीगी भीगी सी बधाई
जवाब देंहटाएंगड़ गड़ गरजे मेघा
जवाब देंहटाएंझर झर बरसे मेह
सर सर चले पछुआ
लेकर संग में नेह॥
सुंदर कवित्त …… आभार
सुन्दर शब्द चयन और भाव |प्यारी रचना |
जवाब देंहटाएंआशा
शब्दों के मोटी बरखा बन के झूम रहें हैं जैसे ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब भाव मय रचना ...
हमेशा की तरह यह कविता भी दिल को छूती है!!
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