बनो अग्रदूत..... संध्या शर्मा
चाहते हो ???
बगुलों के बीच
नीर-क्षीर विवेकी हंस होना
ग्रहों से परिक्रमित होते
प्रकाशित करते
सौरमन्डल के सूर्य की तरह
प्रतिपल चमकना
तो भेड़ प्रवृत्ति से प्रथक
जनसमूह का बनकर घटक
अनुगंता, अनुकर्ता नहीं
अग्रदूत बनो
अस्तित्व को नई पहचान दो
आसान न सही
असंभव भी नहीं
आकाश के अगणित तारों के मध्य
ध्रुवतारा होना....
आसान न सही
जवाब देंहटाएंअसंभव भी नहीं
आकाश के अगणित तारों के मध्य
ध्रुवतारा होना....
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ,,,
Recent post: जनता सबक सिखायेगी...
अग्रदूत बनो
जवाब देंहटाएंअस्तित्व को नई पहचान दो
आसान न सही
असंभव भी नहीं ........bahut badhiya........
असंभव भी नहीं
जवाब देंहटाएंआकाश के अगणित तारों के मध्य
ध्रुवतारा होना....वाह क्या बात कही..संध्या जी..
.सराहनीय प्रयास .आभार . हम हिंदी चिट्ठाकार हैं.
जवाब देंहटाएंBHARTIY NARI .
लाजवाब |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...आभार.
जवाब देंहटाएंप्रेरणा देती सुंदर पंक्तियाँ..
जवाब देंहटाएंसार्थक संदेश
जवाब देंहटाएंबढिया रचना
बहुत सुंदर
Ati bhavpoorn rachana. Badhai.
जवाब देंहटाएंअग्रदूत बनो
जवाब देंहटाएंअस्तित्व को नई पहचान दो
आसान न सही
असंभव भी नहीं
आकाश के अगणित तारों के मध्य
ध्रुवतारा होना....
प्रेरक और अनुकरणीय सुप्रभात
अनुगंता, अनुकर्ता नहीं अग्रदूत बनो,,,,,,,,,,,,,,
जवाब देंहटाएंआसान न सही असंभव भी नहीं आकाश के अगणित तारों के मध्य ध्रुवतारा होना,,,,,,,उत्कृष्ट भावों से संजीवित सुन्दर कविता।
तो भेड़ प्रवृत्ति से प्रथक
जवाब देंहटाएंजनसमूह का बनकर घटक
अनुगंता, अनुकर्ता नहीं
अग्रदूत बनो ..
सच कहा है .,.. रौशनी वही दिखा सकते हैं जो अग्रदूत बन सकते हैं ...
स्वों का होना भी तभी सिद्धकर है ..
अस्तित्व को नई पहचान दो
जवाब देंहटाएंआसान न सही
असंभव भी नहीं------
सार्थक बात कही हैं
बधाई
आग्रह हैं पढ़े
तपती गरमी जेठ मास में---
.वाह क्या बात कही..संध्या जी..
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने एक अग्रदूत बनो,
जवाब देंहटाएंजो सबको सही राह दिखाए
आसान नहीं तो क्या मुमकिन तो है .....
sarthak abhivyakti..
जवाब देंहटाएंbahut dikkat hai dhruvtara banana ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएं@मेरी बेटी शाम्भवी का कविता-पाठ