आने वाला वर्ष सभी के लिए मंगलमय हो इसी कामना के साथ आप सभी को सहपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ...
ओ अम्बर!
मैंने कभी नहीं चाहा
तुम्हारी ऊंचाईयों को छूना
हमेशा डूबना चाहा
तुम्हारे विस्तार में
बस इतनी चाहत है
जड़े रहें चांद-सितारे
दामन में तुम्हारे
सागर भी आकर
चरण तुम्हारे पखारे
और मैं
पलकें बंद करके
डूबी रहूँ
प्रीत की गहराईयों में ....

मैंने कभी नहीं चाहा
तुम्हारी ऊंचाईयों को छूना
हमेशा डूबना चाहा
तुम्हारे विस्तार में
बस इतनी चाहत है
जड़े रहें चांद-सितारे
दामन में तुम्हारे
सागर भी आकर
चरण तुम्हारे पखारे
और मैं
पलकें बंद करके
डूबी रहूँ
प्रीत की गहराईयों में ....
दिनांक 01/01/2017 को...
उत्तर देंहटाएंआप की रचना का लिंक होगा...
पांच लिंकों का आनंद... https://www.halchalwith5links.blogspot.com पर...
आप भी इस प्रस्तुति में....
सादर आमंत्रित हैं...
bahut sundar rachana
उत्तर देंहटाएंअम्बर तो सभी का है साझा ... पर प्रीत मिल जाए तो जीवन सज जाता है ...
उत्तर देंहटाएंनव वर्ष मंगलमय हो ...
बहुत सुंदर भावपूर्ण प्रार्थना..
उत्तर देंहटाएंशुभकामनाएँ ।
उत्तर देंहटाएंबहुत सुंदर ...
उत्तर देंहटाएंनए साल की हार्दिक शुभकामनाएं !
सुन्दर शब्द रचना
उत्तर देंहटाएंनव बर्ष की शुभकामनाएं
http://savanxxx.blogspot.in
वाह बहुत सुन्दर -------और मैं
उत्तर देंहटाएंपलकें बंद करके
डूबी रहूँ
प्रीत की गहराईयों में ...