इन चेहरों की मुस्कराहट देखने की और इनके बोल सुनने की हमें भी उत्सुकता से प्रतीक्षा है संध्या जी ! बहुत सुन्दर रचना !
और कितना सुखद है उनको सुनना...सुन्दर रचना |सस्नेह अनुलता
खिल उठते हैं सुबह की धूप से और फिर हौले से बोलने लगते हैं चेहरे ..वाह क्या बात है अच्छी लगी रचना बधाई
बहुत खूब ... बोलते चेहरे मन के भाव बोल देते है ...
बहुत सुन्दर कहा है...
इन चेहरों की मुस्कराहट देखने की और इनके बोल सुनने की हमें भी उत्सुकता से प्रतीक्षा है संध्या जी ! बहुत सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंऔर कितना सुखद है उनको सुनना...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना |
सस्नेह
अनुलता
खिल उठते हैं
जवाब देंहटाएंसुबह की धूप से
और फिर हौले से
बोलने लगते हैं चेहरे ..
वाह क्या बात है अच्छी लगी रचना बधाई
बहुत खूब ... बोलते चेहरे मन के भाव बोल देते है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कहा है...
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