मैंने तुम्हे कभी नहीं लिखा
तुम खुद लिखते गए
शब्द - शब्द
बनते गए गीत
जन्मों की प्रीत का
अहसास जीत का
उत्साह जीने का
जिसने मुझे
हौसला दिया
आगे बढ़ते जाना है
एक कसम जिसे
हमेशा निभाना है
रुकना नहीं
चलते जाना है
हारना नहीं है
जीत जाना है
मैंने तय किया है
इस गीत को
गुनगुनाना है
यकीं न हो तो तुम खुद सुन लेना ……
कोमल भाव लिए बहुत सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएं:-)
चलना ही जिन्दगी है..सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंजीवन का सबसे सुरीला संगीत.......
सस्नेह
अनु
एक कसम जिसे
जवाब देंहटाएंहमेशा निभाना है
रुकना नहीं
चलते जाना है
खूबसूरत जज़्बात
सुननेवाले को सुनना ही पड़ेगा।
जवाब देंहटाएंशब्दों का और आपका साथ हूँ ही बना रहें ...
जवाब देंहटाएंमनभावन गुनगुनाहट..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - रविवार-8/09/2013 को
जवाब देंहटाएंसमाज सुधार कैसे हो? ..... - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः14 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra
बहुत सुंदर भाव अभिव्यक्ति,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : समझ में आया बापू .
मैंने तय किया है
जवाब देंहटाएंइस गीत को
गुनगुनाना है
बहुत खूब ..
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती।
जवाब देंहटाएंकिसी को लिखने की बजाए उसको जीना ... उसको गुनगुनाना ... उसको जीवन बनाना ही सच्चा जीना होता है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव....
जवाब देंहटाएंजब भी तेरा नाम लिखा एक गीत बन गया .. :)
सुन्दर भाव लिए रचना |
जवाब देंहटाएंआशा
सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन और शानदार |
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर, बहुत प्यारी कविता.
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