हर लम्हा - हर पल... संध्या शर्मा
लो गुज़र गया
एक और दिन
एक और झूठी आस में
अब हंसती भी हूँ
तो लगता है
अहसान कर रही हूँ
अपने आप पर
खुश्क आँखें भी अब
अश्क टपकाती नहीं
बस यूँ ही लगता है
हर लम्हा हर पल...
कि ....
तरस आ जाये कभी
वक़्त को भी
मुझ पर
क्योकि....
अब भी है आसरा तेरा
हर पल है अहसास तेरा
और ....
मिल जाये मुझे वो पल
जिसकी है तलाश मुझे
हर लम्हा - हर पल............
'अब हंसती भी हूँ
जवाब देंहटाएंतो लगता है
अहसान कर रही हूँ
अपने आप पर '
ह्रदय का दर्द उकेर दिया रचना में !
शब्द-शब्द में समाया हुआ-सा
जवाब देंहटाएंपल - पल
हर पल की प्रतीक्षा का दर्द ...
अच्छी नज़्म !
बहुत उम्दा नज़्म.
जवाब देंहटाएंमिल जाए मुझे वो पल
जिसकी है तलाश मुझे
उस एक पल की तलाश में तो उम्र छोटी पड़ जाती है.
सलाम
आमीन...
जवाब देंहटाएंइन्तजार की पीड़ा को बड़े ही संवेदनशीलता से उकेरा है रचना में..शब्दों और भावों का बहुत सुन्दर सामंजस्य..बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंSUNDER BHAVPURNA
जवाब देंहटाएंJARUR MILEGA
"अब हंसती भी हूँ
जवाब देंहटाएंतो लगता है
अहसान कर रही हूँ
अपने आप पर"
ज़िन्दगी मे तलाश कब खत्म होती है। एक चीज़ मिल जाये तो दूसरी की शुरू हो जाती है। सुन्दर भाव। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरती से मन की तड़प को उकेरा है ! बहुत सुन्दर रचना ! बधाई एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंज़िंदगी यूँ ही गुज़रती जाती है ..किसी तलाश में ...खुद पर अहसान करने की बात में वेदना छलक पड़ी है ..
जवाब देंहटाएंमन की तड़प को उकेर दिया रचना में !
जवाब देंहटाएंअंतर्मन की वेदना को कमाल के शब्द दिए हैं ...... बेहतरीन
जवाब देंहटाएंअब हंसती भी हूँ............. बेमिसाल पंक्तियाँ लगी संध्या जी .....
gOOd poem, i believe you are budding poetess...kudos and all the best for your future
जवाब देंहटाएंvedna ko sundar shbd diye hai badhai
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सीख देती एक सरल किंतु गम्भीर रचना| धन्यवाद | प्रभावकारी लेखन के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंसंध्या जी,
जवाब देंहटाएंगहरी संवेदना को मुखरित कर रही है आपकी कविता !
सुन्दर शब्द संयोजन !
शुभकामनाएँ
well, superb abhivyakti,
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar...
जवाब देंहटाएंलम्हें को पकड़ने की तस्वीर अच्छी लगाई है आपने
जवाब देंहटाएंकाश हम पकड़ पाते लम्हें लम्हें को और जी पाते इसे संजीदगी से ..आपने हरेक शब्द में गहरा अर्थ अभिव्यक्त किया है ...
जवाब देंहटाएंमेरा खुद पर हँसना .....नए भाव बोध का सूचक है और गहरे अर्थ का द्योतक है ....शुक्रिया
जवाब देंहटाएंBahut hi sunder rachna badhai sweekar karne...
जवाब देंहटाएंher ek sabd khub ba khud apni kahani baya ker rha hai
बहुत सुंदर सीख देती एक सरल किंतु गम्भीर रचना| धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को सराहने और इतना प्यार देने के लिए आप सभी का बहुत - बहुत आभार.....
जवाब देंहटाएंआपके पवित्र और भावुक हृदय से बही भाव सरिता ने हमारे हृदय को भी मगन कर दिया .प्यार तो मिलना लाजमी है .
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जवाब देंहटाएंमिल जाये मुझे वो पल
जवाब देंहटाएंजिसकी है तलाश मुझे
बेमिसाल पंक्तियाँ.......संध्या जी !