एक बरस और बीत रहा है
आओ हिलमिल हर्ष मनाएं 
आओ, नूतन वर्ष मनाएं 
जीवनतरु के नवपल्लव में 
नव आशा के पुष्प सजाएं 
आओ, नूतन वर्ष मनाएं
अपने तो सदा अपने हैं
गैरों को भी मीत बनाएं
आओ, नूतन वर्ष मनाएं   
नए-नए रंग हों नई उमंगें 
नयनों में उल्लास जगाएं 
आओ, नूतन वर्ष मनाएं 
नए गगन को छू लेने का 
मन में नव विश्वास जगाएं 
आओ, नूतन वर्ष मनाएं 
हरी धरा हो रुत मनभावन 
जीवन में मधुमास खिलाएं
आओ, नूतन वर्ष मनाएं  .... !
आप सबके लिए नववर्ष मंगलमय और खुशियों से भरा हो .... संध्या शर्मा 
 

 
