शुक्रवार, 15 अगस्त 2014

आशाएं मेरे देश की ...

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं... जय हिन्द ! .....

 

विदेशी परतंत्रता से मुक्त
आधी शताब्दी के बाद भी
सामाजिक, आर्थिक
धार्मिक, राजनीतिक
पाखंडियों के छल से
निरंतर छले जा रहे
स्वदेशी भ्रष्टाचारियों के
नागपाश में जकड़े
इस भारत देश को
इतने बरसों का
हिसाब चाहिए
नई चेतना और
नए विचारों की
जलती मशाल चाहिए
सुभाष, तिलक, आज़ाद,
भगत से लाल चाहिए...



उज्जवल भविष्य की
झूठी आस नही
सच्चा विश्वास चाहिए
बेटियों को पहले सा
सम्मान चाहिए
किसान के होठों पर
मुस्कान चाहिए
सबको रोटी, कपडा
और मकान चाहिए
शिक्षा का बराबर
अधिकार चाहिए
हर हाथ काम हो
ऐसा विधान चाहिए
सारी दुनिया में
अपने भारत की
नई पहचान चाहिए ...

सोमवार, 4 अगस्त 2014

सहचर रास्ते ...

पथ से बिना डिगे 
हर स्थिति
हर तकलीफ से
जूझते हुए हर रात
तारों के साथ
बतियाती हूँ/बिताती हूँ
रात कटती है
हर पल
राह बनाते 

नए ख्वाब बुनते 
हर सुबह चलती हूँ
उन राहों पर
साथ उजालों के
क्योंकि...
मंज़िल तो ठहराव है

और रास्ते 
सदा साथ होते हैं
अनवरत 

साये की तरह
सहचर बन कर
जीवनपर्यंत...