रविवार, 30 जनवरी 2011

है भारत देश हमारा


" है भारत देश हमारा "
हर चीज़ जहाँ की प्यारी,
जहाँ चाहत के हैं पुजारी,
जहाँ वतन धर्म पर भारी,
है, प्रीत जहाँ की न्यारी,
जहाँ ग़ालिब की ग़ज़ल है,
जहाँ प्यारा ताजमहल है,
जहाँ फूलों का बिस्तर है,
जहाँ अम्बर की चादर है,
जहाँ दूर तलक सागर है,
जहाँ सुहाना हर मंज़र है,
जहाँ झरने और हवाएं,
गीत प्यार के गायें,
जहाँ सूरज की लाली है,
जहाँ चंदा की बाली है,
जहाँ मेंहंदी चूड़ी पायल,
जहाँ बिंदिया साड़ी काजल,
जहाँ पंछी भी इतराएँ,
जहाँ नदियाँ भी बलखायें,
जहाँ मंदिर भी मस्जिद भी,
जहाँ गिरिजा भी गुरूद्वारे भी,
जहाँ पूजी जाये गंगा,
जहाँ लहराए तिरंगा,
जो लगे जान से प्यारा,
है ऐसा देश हमारा......................    

शुक्रवार, 21 जनवरी 2011

"POORA SWAPNA TERA HO"

"पूरा स्वप्न तेरा हो"
मेरी गोद से उतरकर अब तू ,
इस धरती पर चलना सीख.
कठिन सही ये राह मगर तू,
गिरकर भी संभलना सीख.
चाँद सितारों की चाहत में,
रूठना और मचलना सीख.
सागर सी शांति धरकर भी,
गर्भ में मोती पालना सीख.
चन्द्र सी दे शीतलता पर,
सूर्य की भांति जलना सीख.
"तपकर इस जीवन पथ पर,
सोना तू खरा हो,
आशीर्वाद है मेरा तुझको,
तू अपने पांव खड़ा हो,
पूरा स्वपन तेरा हो... 
पूरा स्वपन तेरा हो...  


  

शुक्रवार, 14 जनवरी 2011

BHOOL

"भूल "
सभी तो करते हैं, इसलिए
मैंने भी प्रेम करके देखा
सब तो खाते हैं कसमे, इसलिए
मैंने भी कसमें खायीं
गाते तो सब हैं, इसलिए    
मैंने भी एक गीत गाकर देखा
दुःख तो सबको होता है, इसलिए
मैंने भी रोकर देखा
भूल तो सभी जाते हैं, इसलिए
मैंने भी भुलाकर देखा
पर किससे कहूँ कैसे कहूँ,
ये रीत ज़ग की मुझे न भाई
और मैंने भुला दी ज़ग की हर रीत, इसलिए
दुनिया ने  मुझे  दीवाना कहा........
वही भूल हुई मुझसे 
जो दुनिया नहीं करती .......  
  

गुरुवार, 6 जनवरी 2011

MUJHKO MANN CHAHIYE

मुझको मन चाहिए 
जिसमे नफरत न हो 
मुझे ऐसा मन चाहिए
जहाँ शांति बसे
ऐसा वतन चाहिए
जहाँ फूलों पर न काँटों का घेरा हो 
ऐसा चमन चाहिए
जिसमे पतझड़ न हो 
एक ऐसा मधूबन चाहिए
प्यार की खुशबू से  महके 
ऐसी पवन चाहिए
इस दुनिया में जहाँ सबको धन चाहिए
मुझको तो बस एक सुंदर सा मन चाहिए
मुझको मन चाहिए ..........