मंगलवार, 31 मई 2022

परवाज़...संध्या शर्मा

एक दिन चित्रकार, ब्लॉगर, साहित्यकार उषा किरण जी ने फेसबुक पर लिखा "India Art Fair 2022, Delhi में देखी गई  कलाकार `सोमा दास ‘ की क्रम से लगी ये पाँच पेंटिंग्स  `Made For Each Other ’ मेरे दिल में बस गई है ….ध्यान से देखिए तो इस पेंटिंग में छिपी एक कविता भी नजर आती है मुझे" और उन्होंने हमारे आग्रह पर अपनी वह कविता साझा करने के साथ - साथ मुझे भी कविता लिखने को कहा - यह वही पेंटिंग है, और वही कविता जो हमने उनके आग्रह पर लिखी ... 



अच्छी तरह याद है मुझे ....

जब मैंने पहली बार

तुम्हारे घर की देहरी पर 

कच्चे चावल से भरा कलश

दाहिने पांव से छुआ था

कितने प्यार से सहेजा था 

दाना -  दाना तुमने

अमानत की तरह

वो बड़ी ही नरमी से

मेरी पायल में जड़े मोतियों को 

सहलाना तुम्हारा

वो तन्मयता से मेरे पांवों को 

महावर से सजाना तुम्हारा

मेरे आंचल को सलीके से संवारना

हर पूजन अनुष्ठान में

मुझे सम्मान देकर

अनुगामी बनना तुम्हारा

धरती संग आसमां की तरह

तो क्यों न मैं भी

तुम्हारे कदमों को

उसी नज़र से देखूँ

जिन नजरों से देखा था 

मेरे पैरों को तुमने

जब निकाले थे

मेरे पांव में चुभे कांटे ...

तुम्हारे इस प्रेम ने 

ऐसी परवाज़ दी है 

ऐसा लगता है मुझे

जैसे ये तुम्हारे पैर नही 

एक जोड़ा पंख हैं

मेरे लिए ....

...संध्या शर्मा ...

16 टिप्‍पणियां:

  1. लाजवाब सृजन ।।साथ में उषा किरण जी से पूछ कर वो चित्र भी लगातीं तो मज़ा आ जाता । कितना सटीक चित्रण किया है शब्दों से तुमने । 👌👌👌👌

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  2. जी दी पूछकर लगाती हूं। हार्दिक आभार आपकी इस बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए...

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  3. अत्यंत भावपूर्ण रचना 👌👌❤️बहुत सुंदर!!

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  4. उषा किरण जी की ओर से यह टिप्पणी: वाह सन्ध्या…कितनी सुन्दर कविता लिखी तुमने , एकदम पेंटिंग्स को पूर्ण करती सी…उसमें और गहन अर्थ भरती सी।बहुत शुक्रिया…मेरा अनुरोध मान कर दाम्पत्य जीवन की मधुरता को दिखाती कविता रचने के लिए 😊

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  5. सुंदर पेंटिंग्स पर लाजवाब कविता ।
    बधाई संध्या जी ।

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  6. वाह! कितनी सुंदर कविता, चित्र को पूर्णता प्रदान करती हुई सी

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  7. उषा जी के समकक्ष ही पेंटिग पर एकदम सुन्दर रचना।नारी मन की दांपत्य जीवन के प्रति अनन्य निष्ठा को दर्शाती हुई।हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं सन्ध्या जी।

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  8. समर्पण के अनोखे रूप का अद्धभुत चित्रण... साधुवाद

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  9. प्रेम में डूबी हुई बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति।

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  10. मुग्ध करते भाव अनन्य निष्ठा और समर्पण।
    जब पाया है उसका एक भाग भी देने की और बढ़ता है तो सच दो जनों का साथ एक मिसाल बन जाता है।
    बहुत सुंदर सृजन।
    अप्रतिम।

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  11. वाह!!!!
    पेंटिंग की पूरक बहुत ही भावपूर्ण लाजवाब रचना...

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  12. आहा कितना सुंदर,बेहद भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
    लाज़वाब सृजन।
    सादर।

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  13. इन पंखों की नैनाभिराम छटा निराली है। अच्छा लगा आपको पढ़ कर।

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  14. इस अमूल्य प्रतिक्रिया के लिएआप सभी का हार्दिक आभार...

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