आने वाला वर्ष सभी के लिए मंगलमय हो इसी कामना के साथ आप सभी को सहपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ...
ओ अम्बर!
मैंने कभी नहीं चाहा
तुम्हारी ऊंचाईयों को छूना
हमेशा डूबना चाहा
तुम्हारे विस्तार में
बस इतनी चाहत है
जड़े रहें चांद-सितारे
दामन में तुम्हारे
सागर भी आकर
चरण तुम्हारे पखारे
और मैं
पलकें बंद करके
डूबी रहूँ
प्रीत की गहराईयों में ....

मैंने कभी नहीं चाहा
तुम्हारी ऊंचाईयों को छूना
हमेशा डूबना चाहा
तुम्हारे विस्तार में
बस इतनी चाहत है
जड़े रहें चांद-सितारे
दामन में तुम्हारे
सागर भी आकर
चरण तुम्हारे पखारे
और मैं
पलकें बंद करके
डूबी रहूँ
प्रीत की गहराईयों में ....