मेरी ओर से सबसे पहले मेरी माँ को धन्यवाद् , फिर उस ईश्वर को जिसने मुझे ऐसी माँ दी,
वैसे तो इन दोनों को ही ऋण कितने भी धन्यवाद् से कभी चुकाया नहीं जा सकता, पर शायद मेरे मन
की शांति के लिए ही सही. इसके बाद उन सभी को धन्यवाद् जिन्होंने मेरा हरकदम पर साथ दिया, और हाँ उनका
भी जिन्होंने मेरा साथ नहीं दिया क्यूंकि जीवन का सफ़र बहुत लम्बा है ,आज नहीं तो कल सही वो भी मेरे साथ होंगे,
इसी उम्मीद के साथ ..............
फिर से एक बार सभी को धन्यवाद .................
संध्या
bahut khub //
जवाब देंहटाएंzindgi ke mod pe ham bhi kahi n kahi aapko milege //
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