उस दिन....!
जब ना हम होंगे ना तुम
तब भी मिलेंगे
अपनी कविताओं में
हम तुम
धरती आकाश होंगे
चांद सूरज होंगे
बारिश भी होगी
बसंत भी आएगा
नदियां, झरने, पंछी
झाड़-पेड़ , पहाड़ होंगे
यह होने का क्रम
चलता रहेगा
और इसी तरह
हम थे
हम हैं
हम सदा रहेंगे...
____संध्या शर्मा ____
सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंये शास्वत सत्य है, बहुत ही सुन्दर सृजन 🙏
जवाब देंहटाएंसराहनीय सृजन
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