पेज

सोमवार, 29 अगस्त 2011

मुझे कुछ कहना है ...! संध्या शर्मा

देख सकती हैं
नन्ही सी आँखे भी
सपने बड़े - बड़े.

छिपा सकेगा सूरज को
बादल भी
आखिर कब तक...?


अपनों से युद्ध है
लड़ना होगा
अर्जुन की तरह.

सर्वव्याप्त है
सर्वव्यापक है
ईश्वर और भ्रष्टाचार.

है पर कहाँ है...?
लोकतंत्र में
लोकहित.


आसमान नहीं
किसी का दिल छू सको
तो जाने....  

30 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सटीक प्रस्तुति सोचने पर विवश करती रचना

    जवाब देंहटाएं
  2. दिल छूना इतना आसान नहीं होता....


    आइये मेरे नए पोस्ट पर....
    www.kumarkashish.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  3. दिल की को छूने वाली अभिव्यक्ति... आभार

    जवाब देंहटाएं
  4. भ्रष्ट्राचार इतना अधिक व्यापक हो गया है कि आपने उसकी साम्यता ईश्वर से कर दी. इससे अंदाजा लग सकता है कि आम आदमी इस सड़ चुकी व्यवस्था से कितना त्रस्त है. आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. चिंतन को मजबूर करती पोस्‍ट।
    गहरे भाव।
    सही कहा आपने जिस तरह ईश्‍वर सर्वव्‍याप्‍त है उसी तरह भ्रष्‍टाचार भी.....
    बेहतरीन प्रस्‍तुति।

    जवाब देंहटाएं
  6. अलग तरह की खूबसूरत रचना. आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. आसमान नहीं
    किसी का दिल छू सको
    तो जाने....

    Bahut Sunder

    जवाब देंहटाएं
  8. ख़ूबसूरती लिए जीवन यात्रा हायकू , बधाई

    जवाब देंहटाएं
  9. bahut achchi soch liye hue hai yah kavita.kisi ka dil choo sako to jaane.....bahut umda

    जवाब देंहटाएं
  10. है पर कहाँ है...?
    लोकतंत्र में
    लोकहित.

    Waah...behtariin.

    जवाब देंहटाएं
  11. किसी का दिल छू सको तो जानो ...
    वाकई , कितनी ऊँचाई हासिल कर लें ,आस पास खुशियाँ नहीं बिखरा सकते तो क्या फायदा !

    जवाब देंहटाएं
  12. आसमान नहीं
    किसी का दिल छू सको
    तो जाने....

    बहुत सुन्दर मर्मस्पर्शी प्रस्तुति ....

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत मार्मिक लाईनें हैं------
    आसमान नहीं
    किसी का दिल छू सको
    तो जाने....

    जवाब देंहटाएं
  14. आसमान नहीं
    किसी का दिल छू सको
    तो जाने....

    dil kaha hai sab ke pass..ab to sirf patthar rah gae hei..

    जवाब देंहटाएं
  15. इस कविता की संवेदना मन के अंतस को टटोलती है। उससे जुड़कर अच्छा लगा।

    जवाब देंहटाएं
  16. संध्‍या जी,बहुत सुन्दर मर्मस्पर्शी प्रस्तुति ....

    जवाब देंहटाएं
  17. जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.
    दुनिया ख़ुशी से झूम उठी है,मनाले ईद.
    ईद मुबारक

    जवाब देंहटाएं
  18. सच में किसी का दिल छू लेना आसान नहीं होता. यही आज के समय की कमी है.
    यदि मीडिया और ब्लॉग जगत में अन्ना हजारे के समाचारों की एकरसता से ऊब गए हों तो कृपया मन को झकझोरने वाले मौलिक, विचारोत्तेजक आलेख हेतु पढ़ें
    अन्ना हजारे के बहाने ...... आत्म मंथन http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/2011/08/blog-post_24.html

    जवाब देंहटाएं
  19. मन-मस्तिष्क की जद्दोजहद को शब्द देती सुन्दर सामयिक रचना.....

    जवाब देंहटाएं
  20. गहरे भाव और अभिव्यक्ति के साथ बढ़िया प्रस्तुती!
    आपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  21. बहुत खूब ... सच है आसमान छूना आसान है पर किसी का दिल जीतना मुश्किल ... पर हिम्मत हो तो सब कुछ संभव है ... आशा जगाती है आपकी रचना ..

    जवाब देंहटाएं