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बुधवार, 23 मार्च 2016

होली होली... संध्या शर्मा



आई फिर से रुत रंगीली

टेसू दहके, सरसों पीली


गाल-भाल पर रंग गुलाबी

खूब हो रही हंसी ठिठोली


गोरी सूरत हो या भोली

हो गई देखो लाल काली


इठलाती गोरी की चूनर

पल में होती रंग रंगीली


गलिन-गलिन घूमें टोली

हिलमिल सब खेलें होली


सखियाँ ढूँढ ढूँढ के हारी

राधा तो कान्हा की होली

9 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 24-03-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2291 में दिया जाएगा
    धन्यवाद

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति1 होली की हार्दिक शुभकामनायें1

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  4. बहुत सुन्दर ...
    होली की शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर ...
    होली की शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर ...
    होली की शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर ... चित्र बहुत प्यारा है

    जवाब देंहटाएं
  8. संध्या शर्मा जी, आपका लेखन बहुत ही बेहतरीन है। जिसे शब्दो में बयां नही किया जा सकता है। अध्ययन करने पर बहुत अच्छा लगा। आपके ब्लाॅग को हमने Best Hindi Blogs में लिस्टेड किया है।

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