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रविवार, 1 अप्रैल 2012

कौन करेगा उजियारा...? संध्या शर्मा

खोल नयन देखो पल-पल,

बढ़ता जाये है अँधियारा.

भ्रष्ट हुआ हर दीप सलोना,

अब कौन करेगा उजियारा.


कहा बुद्ध ने स्वयं दीप बन,

पथ पर निर्भय बढ़ते जाना.

रुकना नहीं सत्य किरण बन,

तम अमावस का हरते जाना.


आये फिर से बीच हमारे,

दशरथ वचन निभाने वाला,

जन्मे राम जनहित खातिर,

वन गमन जो करने वाला.


धर्मयुद्ध का नायक जन्मे,

गर्वित हर गोकुल ग्वाला.

जमुना तट पर गूंजे बंसी,

राधा का मन हो मतवाला.


अन्याय पर बांह न फ़ड़के,

उसकी बेकार जवानी है.

संतति ऐसी नहीं जनेगी,

अब जननी ने ठानी है. 


पृथ्वी जैसी पावन माता,

तुम हो इसके पूत दुलारे.

काट कलेजा रख देगी ये,

खड़े रहोगे हाथ पसारे.


ठोकर खाकर गिरे अगर,  

मात तुम्हे सहलाएगी.

प्यार करो तुम जननी को,

स्वर्गिक सुख दिखलाएगी.

32 टिप्‍पणियां:

  1. अति सुंदर...... जीवन की हर मुश्किल में साथ माँ ...सच है...

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  2. प्यार करो तुम जननी को,
    स्वर्गिक सुख दिखलाएगी.
    ....प्रेरक पंक्तियों के साथ उत्‍कृष्‍ट प्रस्‍तुति ... बधाई सहित शुभकामनाएं ।

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  3. अन्याय पर बांह न फ़ड़के,

    उसकी बेकार जवानी है.

    संतति ऐसी नहीं जनेगी,

    अब जननी ने ठानी है.

    बहुत बढि़या ।
    प्रेरित करती हुई एक अच्छी कविता।

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  4. कुछ बातें आज भी क़ायम हैं ...बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

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  5. दशरथ वचन निभाने वाला,

    जन्मे राम जनहित खातिर,

    वन गमन जो करने वाला.


    धर्मयुद्ध का नायक जन्मे,

    गर्वित हर गोकुल ग्वाला.

    जमुना तट पर गूंजे बंसी,

    राधा का मन हो मतवाला.
    waah

    जवाब देंहटाएं
  6. प्यार करो तुम जननी को,
    स्वर्गिक सुख दिखलाएगी.

    बेहद सुंदर माँ तो माँ है.

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  7. अन्याय पर बांह न फ़ड़के,

    उसकी बेकार जवानी है.

    संतति ऐसी नहीं जनेगी,

    अब जननी ने ठानी है.

    bahut khoob

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत बढि़या ।
    प्रेरित करती हुई एक अच्छी कविता।
    बेहतरीन पोस्ट,....

    MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: मै तेरा घर बसाने आई हूँ...

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  9. बहुत ही सुन्दर पोस्ट ।

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  10. बहुत सुंदर भाव .... माँ को जो पूजता है उसे कभी कोई कष्ट नहीं होता ... वो जननी माँ हो या धरती माँ

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  11. पृथ्वी जैसी पावन माता,
    तुम हो इसके पूत दुलारे.
    काट कलेजा रख देगी ये,
    खड़े रहोगे हाथ पसारे.

    बहुत खूब.

    जवाब देंहटाएं
  12. प्यार करो तुम जननी को,
    स्वर्गिक सुख दिखलाएगी.
    बहुत ही सुन्दर
    बेहतरीन रचना:-)

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  13. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है।
    चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्टस पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं....
    आपकी एक टिप्‍पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......

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  14. धर्मयुद्ध का नायक जन्मे,

    गर्वित ह
    र गोकुल ग्वाला.
    एक ख़ास लय - ताल गेयता और प्रवाह लिए है यह गीत कुछ इस तरह -

    धरती धरती परबत परबत गाता जाए बंजारा ,

    लेकर दिल का एक तारा .

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  15. अन्याय पर बांह न फ़ड़के,

    उसकी बेकार जवानी है.

    संतति ऐसी नहीं जनेगी,

    अब जननी ने ठानी है.


    बहुत ही सुन्दर रचना है!!
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  16. अन्याय पर बांह न फ़ड़के,
    उसकी बेकार जवानी है.
    संतति ऐसी नहीं जनेगी,
    अब जननी ने ठानी है.

    बहुत सुंदर भाव.....शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  17. कहा बुद्ध ने स्वयं दीप बन,
    पथ पर निर्भय बढ़ते जाना.
    रुकना नहीं सत्य किरण बन,
    तम अमावस का हरते जाना....

    ओज़स्वी ... भारत भूमि में जन्में शीर्ष प्रेरणा के जनक ऐसी प्रेरणा भरी बातें करते आये हैं .. उन्ही का मार्ग उत्तम है ... बहुत ही भावपूर्ण रचना ...

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  18. रुकना नहीं सत्य किरण बन,
    तम अमावस का हरते जाना....

    बहुत सुंदर रचना....
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  19. प्यार करो तुम जननी को,
    स्वर्गिक सुख दिखलाएगी.

    सुन्दर पोस्ट ....

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  20. कहा बुद्ध ने स्वयं दीप बन,
    पथ पर निर्भय बढ़ते जाना.
    रुकना नहीं सत्य किरण बन,
    तम अमावस का हरते जाना.

    आये फिर से बीच हमारे,
    दशरथ वचन निभाने वाला,
    जन्मे राम जनहित खातिर,
    वन गमन जो करने वाला.

    धर्मयुद्ध का नायक जन्मे,
    गर्वित हर गोकुल ग्वाला.
    जमुना तट पर गूंजे बंसी,
    राधा का मन हो मतवाला.

    सुंदर भाव ! सुंदर गीत !

    आदरणीया संध्या जी
    सस्नेह अभिवादन !

    कौन करेगा उजियारा...? रचना पढ़ कर बहुत अच्छा लगा … आभार !


    शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  21. जिसने बनाया ये जहान
    वही करेगा उजियारा भी
    छंटेगे तमस के बादल
    भागेगा ये अंधियारा भी

    उसके आलोक में होगा
    प्रशस्त मार्ग जीवन का
    राही मंजिल पा जाएगा
    मार्ग मिलेगा जीवन का

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  22. ठोकर खाकर गिरे अगर,

    मात तुम्हे सहलाएगी.


    प्यार करो तुम जननी को,


    स्वर्गिक सुख दिखलाएगी...bahut hi acchi prastuti...sandhya jee...

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  23. आप अच्छी कविता लिखती है,कोमल संवेदनाओं से भरपुर, कृपया देहात की नारी ब्लॉग के लिए भी लि्खिए,आग्रह है आपसे-------देहात की नारी का आगाज ब्लॉग जगत में

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  24. भ्रष्ट हुआ हर दीप सलोना,
    अब कौन करेगा उजियारा.

    बहुत प्यारी रचना ...आभार आपका !

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