ये सांसो की नाज़ुक सी कड़ी
ये सांसो की लम्बी सी लड़ी
सहेजी जाए पिरोई नही जाए
जाने कब टूटे बिखर जाए ...? जिंदगी... बड़ी अजीब सी हो गयी है जिन्दगी
ये सांसो की लम्बी सी लड़ी
सहेजी जाए पिरोई नही जाए
जाने कब टूटे बिखर जाए ...? जिंदगी... बड़ी अजीब सी हो गयी है जिन्दगी
कभी दर्द कभी मुस्कान है जिन्दगी
कभी पतझड़ कभी बहार है जिन्दगी
कभी झम बरसती फ़ुहार है जिन्दगी
घड़ी के कांटो सी सरकती ये जिन्दगी
कब किस मोड़ पर ठहर जाए जिन्दगी
कोई उम्मीद नही जगाए ये जिन्दगी
जाने किस घड़ी छूट जाए ये जिन्दगी
समय बड़ा बलवान छोटी है जिन्दगी
यूं ही जिन्दगी को खा रही है जिन्दगी
कभी पतझड़ कभी बहार है जिन्दगी
कभी झम बरसती फ़ुहार है जिन्दगी
घड़ी के कांटो सी सरकती ये जिन्दगी
कब किस मोड़ पर ठहर जाए जिन्दगी
कोई उम्मीद नही जगाए ये जिन्दगी
जाने किस घड़ी छूट जाए ये जिन्दगी
समय बड़ा बलवान छोटी है जिन्दगी
यूं ही जिन्दगी को खा रही है जिन्दगी
वक्त के हाथों मरहम लगाएगी जिन्दगी?
गोया किश्तो में चली जाएगी जिन्दगी?
गोया किश्तो में चली जाएगी जिन्दगी?
ज़िन्दगी तो बेवफ़ा है एक दिन ठुकरायेगी मौत महबूबा है अपने साथ लेकर जायेगी……………बस यही हकीकत है।
जवाब देंहटाएंसमय बड़ा बलवान छोटी है जिन्दगी
जवाब देंहटाएंयूं ही जिन्दगी को खा रही है जिन्दगी
वक्त के हाथों मरहम लगाएगी जिन्दगी?
गोया किश्तो में चली जाएगी जिन्दगी? वाह! बहुत खुबसूरत जिन्दगी का ये फलसफा लगा जिस तरह आपने बयाँ किया.....
वक्त के हाथों मरहम लगाएगी जिन्दगी?
जवाब देंहटाएंगोया किश्तो में चली जाएगी जिन्दगी?
Bahut Badhiya....
बहुत सुंदर, क्या कहने
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना..
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट में स्वागत है
जिंदगी के अनेक आयाम लिख दिए आपने ... पर फिर भी जिंदगी क्या है पता नहीं चलता ...
जवाब देंहटाएंसांसों और जिंदगी का सुंदर तरीके से चित्रण।
जवाब देंहटाएंवाह जिन्दगी, आह जिन्दगी
जवाब देंहटाएंसमय बड़ा बलवान छोटी है जिन्दगी
जवाब देंहटाएंयूं ही जिन्दगी को खा रही है जिन्दगी
वक्त के हाथों मरहम लगाएगी जिन्दगी?
गोया किश्तो में चली जाएगी जिन्दगी?
वाह! जिंदगी के भी कितने रंग हैं जी.
बहुत अच्छी लगी आपकी प्रस्तुति.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा संध्या जी.
वाह! बहुत खुबसूरत जिन्दगी का ये फलसफा लगा.
जवाब देंहटाएंवाह. बेहद खूबसूरत रचना. आभार.
जवाब देंहटाएंjindagi yesi hi hai saath lekar aaye saath lekar jaaye.jindagi ka bahut achcha vishleshan kiya hai.
जवाब देंहटाएंजिन्दगी से जिन्दगी कर रही प्रश्न
जवाब देंहटाएंखूबसुरत है जिन्दगी मनाएं जश्न॥
काव्य का यह अंदाज अच्छा लगा।
आत्म चिंतन अंदाज अच्छा लगा॥
ज़िन्दगी की परिभाषा को आपने बखूबी शब्दों में पिरोया है! सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंजिंदगी को शब्दों में पिरो कर खूबसूरत माला के रूप मनभावन प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबधाई.
न जाने क्या-क्या और क्यों है ये जिंदगी............बहुत खूबसूरत पोस्ट|
जवाब देंहटाएंघड़ी के कांटो सी सरकती ये जिन्दगी
जवाब देंहटाएंकब किस मोड़ पर ठहर जाए जिन्दगी
सुन्दर रचना....
सादर...
संध्या जी!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंजिंदगी जिन्दा दिली का नाम है
मुर्दा दिल क्या खाख जिया करते है....
खुबशुरत पोस्ट ....
मेरे नए पोस्ट में आपका इन्जार है ,///
आपका पोस्ट मन को प्रभावित करने में सार्थक रहा । बहुत अच्छी प्रस्तुति । मेर नए पोस्ट ' आरसी प्रसाद सिंह ' पर आकर मेरा मनोबल बढ़ाएं । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंहोली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।
कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।