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मेरी कविताएं
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शुक्रवार, 21 मार्च 2025
अमर काव्य, जीवन आधार... संध्या शर्मा
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कविता, शब्दों का जादू, भावनाओं की सरिता, इसकी हर पंक्ति में छुपा है, संसार, अद्भुत, अनोखा। कभी खुशियों के रंग बिखेरे, कभी गम की छा...
6 टिप्पणियां:
बुधवार, 5 जून 2024
हरियाली खुशहाली है... संध्या शर्मा
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बच्चों आओ मैं हूँ पेड़ मुझे लगाओ करो ना देर जब तुम मुझे उगाओगे धरती सुखी बनाओगे दुनिया मेरी निराली है हरियाली खुशहाली है रोको मुझपर होते प्...
9 टिप्पणियां:
बुधवार, 20 मार्च 2024
जगह दे दो मुझे अपने आंगन में- संध्या शर्मा
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ओ गौरैया! नन्ही सी तुम कितनी खुश थी अपनी मर्जी से चहचहाती थी जब जी चाहे सामर्थ्य भर भरती थी उड़ान छू लेती थी आसमान चहचहाती थी जहां जी चाहे ...
4 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 8 मार्च 2024
मेरी मां सबसे प्यारी-संध्या शर्मा
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हम तीन बहनों और एक भाई की मां। बहुत प्यारी, बहुत कुशाग्र बुद्धि वाली थी। मां ने राजनीति, समाज और गृहस्थी हर जगह अपनी कुशलता दिखाई। आज भी जबल...
12 टिप्पणियां:
शनिवार, 13 जनवरी 2024
हम सदा रहेंगे...
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उस दिन....! जब ना हम होंगे ना तुम तब भी मिलेंगे अपनी कविताओं में हम तुम धरती आकाश होंगे चांद सूरज होंगे बारिश भी होगी बसंत भी आएगा नदियां...
4 टिप्पणियां:
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