एक दिन चित्रकार, ब्लॉगर, साहित्यकार उषा किरण जी ने फेसबुक पर लिखा "India Art Fair 2022, Delhi में देखी गई कलाकार `सोमा दास ‘ की क्रम से लगी ये पाँच पेंटिंग्स `Made For Each Other ’ मेरे दिल में बस गई है ….ध्यान से देखिए तो इस पेंटिंग में छिपी एक कविता भी नजर आती है मुझे" और उन्होंने हमारे आग्रह पर अपनी वह कविता साझा करने के साथ - साथ मुझे भी कविता लिखने को कहा - यह वही पेंटिंग है, और वही कविता जो हमने उनके आग्रह पर लिखी ...
अच्छी तरह याद है मुझे ....
जब मैंने पहली बार
तुम्हारे घर की देहरी पर
कच्चे चावल से भरा कलश
दाहिने पांव से छुआ था
कितने प्यार से सहेजा था
दाना - दाना तुमने
अमानत की तरह
वो बड़ी ही नरमी से
मेरी पायल में जड़े मोतियों को
सहलाना तुम्हारा
वो तन्मयता से मेरे पांवों को
महावर से सजाना तुम्हारा
मेरे आंचल को सलीके से संवारना
हर पूजन अनुष्ठान में
मुझे सम्मान देकर
अनुगामी बनना तुम्हारा
धरती संग आसमां की तरह
तो क्यों न मैं भी
तुम्हारे कदमों को
उसी नज़र से देखूँ
जिन नजरों से देखा था
मेरे पैरों को तुमने
जब निकाले थे
मेरे पांव में चुभे कांटे ...
तुम्हारे इस प्रेम ने
ऐसी परवाज़ दी है
ऐसा लगता है मुझे
जैसे ये तुम्हारे पैर नही
एक जोड़ा पंख हैं
मेरे लिए ....
...संध्या शर्मा ...