पेज

शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

हे नूतन वर्ष ! अबकी आना तो ...

हे नूतन वर्ष !

अबकी आना तो

मास्क लगाकर 

सेनिटाइज़ होकर 

हाथों को सफ़ाई से धोकर 

ओमीक्रॉन, कोरोना से 

पूरी दूरी बनाकर 

दोनों वैक्सीन के साथ 

बूस्टर से भी लैस होकर आना 

तुम पूरी तरह सुरक्षित हो जाना 

तुम्हारा हृदय से स्वागत करेंगे 

मन की बातें आँखों से करेंगे 

क्योंकि अब तुम्हारे स्वागत में 

सुंदर कवितायेँ नहीं बन पा रही है 

शब्द गुम हो गए ख़ुशी खो गई है 

जिन्हें जीना था वे बेमौत मरे हैं 

जो बच गए वे भी कम नहीं मरे हैं

हे नववर्ष तुमसे इतना है कहना 

इस महामारी से बचकर रहना

हमारे थोड़े से कहे को 

भलीभाँति समझ लेना 

कम में या ज़्यादा में 

जैसे भी हो रखना  

पर पिछले साल जैसे  होना .....